क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मुंबई हादसाः मलबों के नीचे 18 घंटे तक दो बेटों की लाश के साथ दबी रही मां

मुंबई हादसाः मलबों के नीचे 18 घंटे तक दो बेटों की लाश के साथ दबी रही मां

Google Oneindia News

मुंबई। मुंबई के डोंगरी इलाके में इमारत गिरने की वजह से 16 लोगों की मौत हो गई। किसी की मां मर गई तो किसी के पति को ये हादसा लील गया। किसी की पत्नी तो किसी के बच्चे उनकी आंखों के सामने मौत के मुंह में समा गए। 18 घंटों तक मलबे के नीचे दबे होने के बाद राहत-बचाव दल ने हलीमा की जान बचा ली, लेकिन उस मां का दर्द देखिए मलबे के नीचे वो इन 18 घंटों में अपने बेटों की मरते देखती रही। उसके सामने उनके दो बेटों से दम तोड़ दिया और ये असहाय अपने कलेजे के टुकड़ों को मौत के मुंह में जाते हुए देखती रही।

 18 घंटों तक बेटों के शव के साथ रही मां

18 घंटों तक बेटों के शव के साथ रही मां

इमारत के नीचे हलीमा 18 घंटों तक दबी रही। उसके पास ही उसके बेटे अरबाज (7) और शहजाद (8) भी मलबे के नीचे दब गए और उनकी जान चली गई। अपने सामने बच्चों को मरता देख हलीमा विलाप करने लगी, जिसकी आवाज सुन कर बचाव दल के सदस्यों को भी उसकी सही स्थिति का पता चला और उसे बाहर निकाला गया। हलीमा जिंदगी की जंग तो जीत गई, लेकिन उसके दोनों बच्चे ये जंग हार गए।

रोने की वजह से बची जान

रोने की वजह से बची जान


रिपोर्ट के मुताबिक हलीमा दूसरी मंजिल पर रहती थी। वो मलबे के काफी नीचे दब गई थी। राहत बचाव दल ने उसके रोने की आवाज सुनी, इसके बाद जब थोड़ा मलबा और हटाया गया तो हलीमा के विलाप करने की आवाज सुनाई दी। टीम ने उन्हें बाहर निकाला। हलीमा समझ चुकी थी कि उसके दोनों बेटे अब इस दुनिया में नहीं है। राहत बचाव दल ने हलीमा की मानसिक स्थिति को संभालने के लिए उससे कहा कि उसके दोनों बच्चे जिंदा हैं और उनका इलाज चल रहा है, लेकिन वो समझ चुकी थी कि लोग उससे झूठ बोल रहे हैं।

गांव से लौटा था परिवार

गांव से लौटा था परिवार


हलीमा का पति राशिद मुंबई में कपड़ेां का व्यवसाय करता है। बच्चों की छुट्टियां होने पर वो लखनऊ से मुंबई आई थी। इस इमारत में घर भी उन्होंने कुछ ही दिनों के लिए किराए पर लिया था। हादसे के वक्त हलीमा घर में बच्चों के साथ अकेली थी, जबकि पति काम पर गया था। हलीमा के रिश्तेदारों ने बताया कि बुधवार शाम को ही राशिद दोनों बेटों के शवों को लेकर गांव के लिए रवाना हो गया है। वहीं हलीमा का अभी इलाज चल रहा है। उसे गहरी चोटे आई हैं.

Comments
English summary
Mumbai building collapse: My sons died in front of me, a mother recounts 18 hrs under debris
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X