मुंबई एयरपोर्ट: विमान में सवार होने से ठीक पहले इराक जा रहे 110 तीर्थयात्रियों को रोका गया
नई दिल्ली- अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच इराक जा रहे 110 तीर्थयात्रियों को विमान में सवार होने से ठीक पहले मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया है। इनमें से 5 तीर्थयात्रियों ने तो इमिग्रेशन की औपचारिकताएं भी पूरी कर ली थीं। एवियेशन इंडस्ट्री के एक सूत्र ने बताया है कि इमिग्रेशन अधिकारियों ने सभी एयरलाइंस को इस बात की ताकीद कर दी है कि वे नजफ और करबला जाने वाले किसी भी विमान मे भारतीय यात्रियों को न बैठाएं। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही अहमदाबाद में भी यात्रियों को इराक की यात्रा करने से रोक दिया गया था, लेकिन मुंबई में जिस तरह से आखिरी वक्त में उन्हें रोका गया, उससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है और कुछ लोगों के पासपोर्ट में जिस तरह से इमिग्रेशन कैंसिल होने के स्टांप लगे हैं उससे भविष्य की यात्रा को लेकर भी उन्हें चिंता सताने लगी है।
विमान में सवार होने से पहले रोक दिए गए 110 यात्री
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इराक जा रहे विमान में सवार होने के इंतजार में बैठे 110 यात्रियों के बीच तब अचानक खलबली मच गई है, जब उन्हें प्लेन में बोर्डिंग से ठीक पहले रोक दिया गया। ये सभी 110 लोग दाऊदी बोहरा समुदाय के तीर्थयात्री हैं, जो इराक में पवित्र स्थलों की यात्रा पर जाने वाले थे। इन सबको शनिवार तड़के 2.30 बजे इराक के नजफ जाने वाली इराकी एयरवेज की फ्लाइट पकड़नी थी। इन तीर्थयात्रियों में से 5 ने तो इमिग्रेशन जांच भी पूरी कर ली थी और बाकी सभी बोर्डिंग पास लेकर इमिग्रेशन काउंटरों पर कतार में लगे थे। जानकारी के मुताबिक इमिग्रेशन अधिकारियों को जैसे ही निर्देश मिले कि भारतीयों के लिए इराक की यात्रा अभी 'असुरक्षित' है एयरलाइंस को किसी भी भारतीय यात्री को बोर्डिंग पास देने से मना कर दिया गया। टीओआई के मुताबिक पुलिस की एडिश्नल कमिश्नर सुप्रिया पाटिल यादव ने बताया कि 'गृहमंत्रालय के एक निर्देश के अनुसार इराक की यात्रा सुरक्षित नहीं है। हमें यात्रियों को विमान में चढ़ने से रोकना था। हालात की गंभीरता को देखते हुए भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।'
भारतीय विमान कंपनियों के लिए भी एडवाइजरी
विदेश मंत्रालय की ओर से 8 जनवरी को जारी सर्कुलर के मुताबिक इराक जा रहे यात्रियों का इमिग्रेशन क्लियरेंस सस्पेंड किया गया है। इसके तहत 'इराक जाने वालों के लिए इमिग्रेशन क्लियरेंस तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए रोका गया है।' एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने भी भारतीय विमान कंपनियों को मध्य-पूर्व में जारी भारी तनाव के मद्देनजर सलाह दी हुई है कि इराक, ईरान और अरब की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के ऊपर से उड़ान भरने से परहेज करें। हालांकि, अहमदाबाद एयरपोर्ट के इमिग्रेशन अधिकारियों ने इराक जाने वाले भारतीयों को विदेश मंत्रालय के नोटिस के आधार पर गुरुवार को ही यात्रा करने से रोक दिया था।
असमंजस की वजह से यात्री रहे परेशान
वैसे अमदाबाद में यात्रियों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई थी, क्योंकि उन्हें पहले ही फोन पर यात्रा रोके जाने की सूचना दे दी गई थी। लेकिन, मुंबई में यात्रियों की बहुत समय बर्बाद चला गया और बाद में पहले ही विमान में पहुंचाए जा चुके लगेज की वापसी के लिए उन्हें सुबह 4 बजे तक एयरपोर्ट पर ही बैठे रहना पड़ा। इन यात्रियों का कहना है कि अगर उन्हें भी पहले से जानकारी दे दी गई होती तो उन्हें बेवजह परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। जिन यात्रियों को इमिग्रेशन क्लियरेंस मिल चुका था और बाद में उसे कैंसिल किया गया, उनके परिवार वालों की चिंता ये हैं कि कहीं बाद में उन्हें सुरक्षा जांच में मुश्किलों का सामना न करना पड़ जाय, खासकर पश्चिमी देशों की यात्रा के दौरान। इराकी एयरवेज के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि शुक्रवार रात 11.30 बजे तक इमिग्रेशन अधिकारी कह रहे थे कि वह यात्रियों को इराक जाने की इजाजत देंगे, इसलिए कई सारे यात्रियों को बोर्डिंग पास जारी कर दिया गया। एक अधिकारी ने तो यात्रियों से अंडरटेकिंग लेने के लिए भी कहा था कि वे अपने जोखिम पर जा रहे हैं। उन्होंने यात्रियों से इसपर हस्ताक्षर भी करा लिए, लेकिन अचानक यात्रा करने देने से मना कर दिया गया।
समय पर जानकारी मिलती तो यात्री नहीं होते परेशान
बाद में बेहाल यात्रियों ने बताया कि कुछ दिन पहले तक एयरलाइंस वाले बता रे थे कि अगर वे समय पर एयरपोर्ट पर नहीं आए तो उन्हें टिकट का रिफंड भी नहीं मिलेगा। अब्दीली रंगवाला के मुताबिक, 'हम इंदौर में रहते हैं और मेरी पत्नी और मैं समय पर एयरपोर्ट पहुंचने के लिए विमान पकड़ कर मुंबई आया, यहां आकर पता चला कि हम नहीं जा सकते।' दूसरे यात्री अबुजर साखावाला भी पत्नी के साथ शुक्रवार 10.30 बजे ही एयरपोर्ट पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पैसेंजर पहुंच चुके थे, जब उन्हें बताया किया कि इमिग्रेशन अधिकारियों से निर्देश मिले हैं कि आगे का काम रोक दिया जाए। उन्होंने कहा, 'समय पर जानकारी नहीं मिलने की वजह से हमें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।'
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