मुंबई: सड़कों पर उतरीं 70,000 बुर्कानशीं, कहा- तीन तलाक में सरकारी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन तलाक बिल के खिलाफ आज महाराष्ट्र के मालेगांव में लगभग 70,000 मुस्लिम महिलाओं ने सड़कों पर उतर पर मूक प्रदर्शन किया। इन महिलाओं के हाथों में तख्तियां थीं जिनमें लिखा हुआ था कि वे शरिया में सरकार का हस्तक्षेप नहीं चाहती हैं। बता दें तीन तलाक के विरोध में ये पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया हो।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने ने बुलाई थी रैली
इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की तरफ किया गया था जिसे मुस्लिम धर्म के सभी फिरकों का समर्थन हासिल था। मालेगांव के डीएसपी, गजानन राजमने ने बताया, 'मालेगांव की सभी सड़कों को इस मूक विरोध प्रदर्शन के लिए खाली करा लिया गया था। हमारे आंकड़ों के मुताबिक करीब 70 हजार महिलाओं ने इस रैली में भाग लिया। रैली को ध्यान में रखते हुए हमने भारी संख्या में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की थी।' हांलाकि अनाधिकारिक रुप से ये बताया जा रहा है कि इस रैली में 1 लाख से ज्यादा की संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने भाग लिया था।
रैली के बीच से साइकिल जाने की भी नहीं इजाजत
डीएसपी राजमने ने आगे बताया कि रैली को ध्यान में रखते हुए पुलिस के कैमरों के अलावा दो दर्जन अन्य सीसीटीवी कैमरों को विभिन्न जगहों पर लगाया गया था। उन्होंने बताया, 'रैली के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए हमने एक साइकलि तक को इनके बीच से गुजरने की इजाजत नहीं थी। ये एक शांतिपूर्ण व्यवस्था थी।'
टीचर, वकील और डॉक्टर महिलाएं भी थीं शामिल
इस रैली में शामिल होने वाली महिलाओं में कई पेशे से टीचर, वकील और डॉक्टर थीं। रैली में शामिल होने के लिए अपने घर से कई किलोमीटर दूर आईं, आफिया कलीम ने बताया, 'हम तीन तलाक बिल का विरोध करने के लिए रैली में शामिल हुईं। हम शरिया कानून में किसी तरह का सरकारी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं।' वहीं पेशे से डॉक्टर, गजला नासिर ने बताया, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर किसी को अपना धर्म मानने की आजादी है। सरकार को किसी के भी धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।'