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मुंबई में फेल हुआ प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग, कोरोना मरीज की हुई मौत, मंत्री का दावा निकला गलत

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मुंबई। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से लड़ रही है, दुनियाभर में अब तक कोरोना से 32 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं अब तक दो लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई है। भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 35,043 हो गई है, अब तक 1147 मौतें हुई हैं। पिछले 24 घंटों के भीतर 1,993 नए मामले आए हैं, जबकि 73 लोगों की मौत हुई है।

प्लाज्मा थेरेपी से नहीं बच पाई कोरोना मरीज की जान

प्लाज्मा थेरेपी से नहीं बच पाई कोरोना मरीज की जान

तो वहीं मुंबई के लीलावती अस्पताल में एक कोरोना मरीज की इलाज को दौरान मौत हो जाने से हड़कंप मच गया है, दरअसल 53 वर्ष के इस मरीज का इलाज प्लाज्मा थेरेपी के जरिए किया जा रहा था, बताया जा रहा है कि मरीज की हालत काफी नाजुक थी, उसे आईसीयू में रखा गया था, डॉक्टरों ने उस पर प्लाज्मा थेरेपी का भी इस्तेमाल किया, लेकिन बावजूद इसके मरीज को बचाया नहीं जा सका और उसकी गुरुवार सुबह मौत हो गई।

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मरीज की हालत पहले से ही खराब थी: लीलावती अस्पताल

अस्पताल की ओर से कहा गया है कि जब मरीज को अस्पताल लाया गया, तो उसकी हालत पहले से ही बेहद गंभीर थी। इलाज में देरी के कारण उन्हें सांस लेने में गंभीर समस्या थी, उन्होंने एक्यूट रेस्पीरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम और निमोनिया हो गया था, उन पर प्लाज्मा थेरेपी का भी इस्तेमाल किया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मालूम हो कि स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में प्लाज्मा थेरेपी को सफल बताया था और मरीज की सेहत में सुधार की बात कही थी लेकिन देर शाम मरीज की तबीयत बिगड़नी शुरू हुई और गुरुवार सुबह उसकी मौत ही गई।

क्या है प्लाज्मा थेरेपी

क्या है प्लाज्मा थेरेपी

आपको बता दें कि प्लाज्मा थेरेपी के तहत कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा को मरीजों से ट्रांसफ्यूजन किया जाता है। थेरैपी में एटीबॉडी का इस्तेमाल होता है, जो किसी वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में बनता है, यह एंटीबॉडी ठीक हो चुके मरीज के शरीर से निकालकर बीमार शरीर में डाल दिया जाता है। मरीज पर एंटीबॉडी का असर होने पर वायरस कमजोर होने लगता है। इसके बाद मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। बता दें कि प्लाज्मा डोनेट करने का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और न ही कोई कमजोरी होगी।

महाराष्‍ट्र में 24 घंटों में कोरोना के 583 नए केस

महाराष्‍ट्र में 24 घंटों में कोरोना के 583 नए केस

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा ग्रसित महाराष्ट्र है, पिछले 24 घंटे में यहां 583 नए केस सामने आए, ऐसे में राज्य में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हजार के पार 10498 हो गई है। वहीं अबतक कुल 459 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस बीच कुल 1773 लोगों को ठीक हो जाने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि सात राज्यों में कोविड-19 के मामलों के दोगुने होने की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। उन्होंने कहा कि दिल्ली (11.3), उत्तर प्रदेश (12),जम्मू कश्मीर (12.2), ओडिशा (13), राजस्थान (17), तमिलनाडु (19.1) और पंजाब (19.5) में मामलों की संख्या दोगुनी होने की दर 11-20 दिन है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक (21.6), लद्दाख (24.2), हरियाणा(24.4), उत्तराखंड (30.3) और केरल (37.5) में मामलों की संख्या 20 से 40 दिन में दोगुनी हो रही है।

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English summary
A 53-year-old male patient, the first to undergo plasma therapy in Maharashtra passed away on 29th April: Dr Ravishankar, CEO Lilavati Hospital, Mumbai COVID19.
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