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UAPA बिल पर मुलायम सिंह का पार्टी से अलग रुख, क्या अब भी अखिलेश से हैं नाराज

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नई दिल्ली: आतंकवाद के खिलाफ विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक 2019(यूएपीए) बुधवार को लोकसभा में पास हो गया। इसके पक्ष में 287 वोट और विपक्ष में 8 वोट पड़े। इस बिल को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में निचले सदन में जोरदार बहस हुई। कांग्रेस ने बिल को सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की और केंद्र सरकार द्वारा ठुकराए जाने पर लोकसभा से वॉकआउट किया। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सदन में इस बिल पर पार्टी से अलग रुख अपनाया।

मुलायम ने सरकार के पक्ष में की वोटिंग

मुलायम ने सरकार के पक्ष में की वोटिंग

मुलायम सिंह वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद रहने वाले एक मात्र सासंद थे। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष और यहां तक की उनकी पार्टी ने भी (यूएपीए) बिल का विरोध करते हुए लोकसभा से वॉकआउट किया। वोटिंग के दौरान बिल के विरोध में सपा के सांसद आजम खान, सफीकुर्रहमान बर्क और एसटी हसन भी सदन से वॉकआउट कर गए। रिपोर्ट के अनुसार, वोटिंग के समय बीजेपी के दो सांसद बृजभूषण शरण सिंह और वीरेंद्र सिंह मस्त सपा नेता के पास बैठे थे और उन्हें वोट डालने में मदद की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बिल के पक्ष में मतदान के लिए मुलायम सिंह को धन्यवाद दिया।

पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं।

पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं।

लोकसभा में यूएपीए बिल को लेकर समाजवादी पार्टी में बिखराव देखने को मिला। इसने इस बात को एक बार बल दिया है कि क्या मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेष यादव के बीच मतभेद खत्म नहीं हुए। मुलायम सिंह यादव इससे पहले भी मोदी को दूसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दे चुके हैं। अमित शाह ने यूएपीए बिल पर चर्चा के जवाब में विपक्षी दलों के दुरुपयोग की आशंका पर कहा कि संशोधित बिल जांच एजेंसियों को आतंकवादियों से चार कदम आगे रखेगा। गौरतलब है कि इस बार सपा के पांच सांसद चुनकर आए हैं। इनमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, आजम खान, एसटी हसन और सफीकुर्रहमान बर्क शामिल हैं।

'अर्बन नक्सलियों के दया नहीं'

'अर्बन नक्सलियों के दया नहीं'

अमित शाह ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि इस देश में कई सारे लोग सामाजिक कार्य सम्मानपूर्वक कर रहे हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने के इच्छुक नहीं है। लेकिन अर्बन माओइज्म के लिए जो काम करते हैं उनके लिए हमारे दिल में बिल्कुल भी दया नहीं है। आप पूछते हैं आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून क्यों बना रहे हैं? मैं कहता हूं आतंकवाद के खिलाफ कठोर से कठोर कानून होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद बंदूक से पैदा नहीं होता। आतंकवाद उन्माद फैलाने वाले प्रचार से पैदा होता है।

आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया की जरूरत

आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया की जरूरत

अमित शाह ने लोकसभा में चर्चा के जवाब में कहा कि एक व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान की आवश्यकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र(यूएन) के पास इसके लिए एक प्रक्रिया है। अमेरिका के पास यह है, पाकिस्तान के पास है, चीन के पास है, इजराइल है यह यूरोपीय संघ के पास है, सभी ने ये किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी आतंकी गतिविधि करेगा तो उसके कम्प्यूटर में पुलिस जरूर घुसेगी और घुसना भी चाहिए।

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English summary
Mulayam yadav votes votes in fever of uppa,sp opposes bill in lok sabha
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