Exclusive: मैनपुरी की सीट छोड़ेंगे मुलायम, पर किसके लिए...
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पिछले कई दौर के चुनावों में मैनपुरी पर कब्जा जमा चुके मुलायम को अब युवा शक्ित का अहसास हुआ है। उन्होंने मैनपुरी जीतने के बाद तेज प्रताप यादव को सत्ता सौंपने का फैंसला किया है। गौरतलब है कि उनके भाई व वरिष्ठ पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कुछ संवाददाताओं को इस खबर पर मुहर लगाई है।
मुलायम की उम्र को लेकर कई महीनों से कयास लगाए जा रहे थे कि मैनपुरी की सीट पर अगला 'समाजवादी' कौन होगा। इंतज़ार खत्म करते हुए सपा के गढ़ से खबर उठी है कि मुलायम सिंह तेज प्रताप को मैनपुरी का 'मैन' बना सकते हैं।
इस बात का मजबूत अंदाजा तब लगाया गया था जब मुलायम ने मैनपुर में चुनाव-प्रचार की कमान तेज प्रताप के जिम्मे सौंपी थी। तेज प्रताप सैंफई के निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख हैं। खास बात यह भी कि वे मैनपुरी व अन्य करीबी हिस्सों में युवा समाजवाद के नए चेहरे के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
ब्लॉक प्रमुख से सांसदी तक की कालीन बिछाते हैं मुलायम -
कुछ इसी अंदाज में मुलायम ने धर्मेंद्र यादव को पहले सैंफई के ब्लॉक प्रमुख की कमान सौंपी थी, फिर बंदायूं सीट से संसद में उनका प्रवेश करवाया था। ठीक उसी तस्वीर में अब तेज प्रताप भी रंग सकते हैं। कहा जा रहा है कि मुलायम का निशाना यूपी के पूर्वी हिस्सों पर पकड़ बनाना है। आजमगढ़ को चुनने के पीछे ऐसे ही कुछ कारणों में सबसे अहम कारण है मुस्लिम-एडवांटेज।
एमवाई यानि कि मुसलमान-यादव समीकरण के सहारे सत्ता के अर्श पर पहुंचने वाले मुलायम सिंह का कदम हमेशा से ही सोचा-समझा माना जाता है। बहू डिंपल के लिए अखिलेश ने कन्नौज सीट छोड़ी थी। इसी तरह समाजवाद की नई पीढ़ी के लिए मुलायम जमीन तैयार करते आ रहे हैं।
मुलायम का दांव है कि वे आजमगढ़ के मुस्लिमप्रिय बनकर वहां का किला फतह करें और मैनपुरी की राजनीति में आधुनिकता घोलकर ना सिर्फ युवा वोटरों में समाजवाद की पहुंच बढ़ाएं बल्कि अपनी पीढ़ी को भी राजनीति के नए दांव-पेंच सिखाते चलें।