मुलायम ने फिर की अखिलेश-शिवपाल में सुलह की कोशिश, बनते-बनते 'इस शर्त' पर फिर बिगड़ी बात
देश के सबसे बड़े सियासी कुनबे 'मुलायम परिवार' में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और नवगठित समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच सुलह की कोशिश एक बार फिर नाकाम हो गई है।
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सियासी कुनबे 'मुलायम परिवार' में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और नवगठित समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच सुलह की कोशिश एक बार फिर नाकाम हो गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बुधवार को लखनऊ में मुलायम सिंह यादव के आवास पर परिवार के लोगों और पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच सुलह कराने की कोशिश की गई, लेकिन एक 'बड़ी वजह' को लेकर दोनों के बीच बात बनते-बनते फिर से बिगड़ गई।
शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर राजी अखिलेश
सूत्रों की मानें, तो बुधवार शाम को मुलायम सिंह यादव के लखनऊ स्थित आवास पर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को बुलाया गया। बैठक में मुलायम सिंह के परिवार के कुछ वरिष्ठ सदस्य, सपा नेता आजम खान और पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष संजय सेठ मौजूद थे। इस दौरान बैठक में बात रखी गई कि शिवपाल यादव को फिर से यूपी के सपा अध्यक्ष का पद दिया जाए, जिसपर अखिलेश यादव ने अपनी सहमति दे दी। लेकिन...इसके बाद जो शर्त शिवपाल यादव ने रखी, उसपर अखिलेश राजी नहीं हुए।
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शिवपाल यादव की इस शर्त से बिगड़ी बात
दरअसल, शिवपाल ने बैठक में कहा कि इस बात की क्या गारंटी है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद पहले की तरह फिर से पद से नहीं हटाया जाएगा। इसके बाद शिवपाल ने बैठक में शर्त रखी कि मुलायम सिंह यादव को भी फिर से समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। इस बात पर अखिलेश यादव सहमत नहीं हुए और दोनों के बीच सुलह की कोशिश होते-होते बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि खुद मुलायम सिंह यादव ने भी फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इंकार कर दिया।
मुलायम का रुख अखिलेश की तरफ?
सूत्रों के मुताबिक शिवपाल यादव की इस शर्त पर अखिलेश यादव के अलावा खुद मुलायम सिंह यादव और पार्टी के दोनों नेता भी असहमत नजर आए। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिवपाल यादव ने हाल ही में पार्टी छोड़कर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा नामक नई पार्टी का गठन किया है। शिवपाल यादव ने ऐलान किया है कि वो यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। इसके बाद से ही यूपी के सियासी समीकरण बदल गए हैं। मुलायम सिंह यादव का रुख भी अखिलेश की तरफ ही झुकता हुआ दिखाई दे रहा है।
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