AIMPLB पर नकवी का निशाना- अयोध्या मामले को उलझाने की कोशिश ना करें
नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने अपना एतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस पूरे विवाद पर हमेशा के लिए खत्म कर दिया, उसके बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बड़ा बयान दिया है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मुसलमानों को सिर्फ बाबरी की नहीं बल्कि बराबरी की भी जरूरत है। नकवी ने कहा कि मुसलमानों के लिए आर्थिक बराबरी, सामाजिक उत्थान में बराबरी असल मुद्दा है। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया और उसके बाद मुस्लिम पक्ष ने इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया है उसका नकवी ने विरोध किया है।
नकवी ने कहा कि समाज के हर वर्ग ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन अगर कुछ लोग इस फैसले को पचा नहीं पा रहे हैं कि कोर्ट के फैसले के बाद एकजुटता को फिर से बरकार किया गया तो यह दुखद है। लेकिन कुछ लोग समाज में बंटवारे और टकराव के माहौल को बनाए रखना चाहते हैं जोकि किसी समाज में स्वीकार नहीं की जाएगी। नकवी ने कहा कि पहले AIMPLB वह जामिया को यह फैसला स्वीकार था, फिर पता नहीं कौन सी दिव्य ज्ञान हुआ कि ये लोग इसका विरोध कर रहे हैं। जो लोग इसे नया विवाद बनाना चाहते हैं वह इसे सिर्फ अपने घर में इसे विवाद बना सकते हैं क्योंकि समाज और देश अब इसे स्वीकार नहीं करेगा।
नकवी ने कहा कि इस मुद्दे को हिंदू व मुसलमान के मुद्दे की तरह नहीं देखना चाहिए। यह देश संविधान व कानून से चलता है। बता दें कि इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि कोई भी अपना खुद का कानून नहीं लागू कर सकता है और फैसले का पोस्टमार्टम कर सकता है। माना जा रहा है कि AIMPLB व जमीयत सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं।
इस विवाद को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मसले को उलझाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अयोध्या विवाद को सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा के लिए अपने फैसले से खत्म कर दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमियत द्वारा कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के फैसले की आलोचना करते हुए नकवी ने कहा कि इस विवाद को फिर से उलझाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। मुसलमानों को सिर्फ बाबरी नहीं बल्कि बराबरी की जरूरत है।
मुख्य धारा के विषय पढ़ना जरूरी
इसके अलावा नकवी ने मदरसों में मुख्यधारा के विषय जैसे हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि पढ़ाने की भी वकालत की है। नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों में सबसे अधिक छात्राएं स्कूल जाना छोड़ती हैं। 2014 की तुलना में 25 फीसदी से बढ़कर यह आंकड़ा 70 फीसदी को पार कर गया है। मदरसे के अधिकतर शिक्षकों को मुख्यधारा के विषय पढ़ाकर ही प्रिशिक्षित किया गया है। यह खुशी की बात है कि इसमे बड़ी संख्या में महिला शिक्षक भी शामिल हैं। 300 से अधिक शिक्षकों को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले छह महीने के भीतर ट्रेनिंग दी गई है। इन शिक्षकों को आईआईटी, एएमयू, जामिया मिलिया, जैसे बड़े संस्थानों में प्रशिक्षित किया गया है।
सरकार की योजना की मिलेगी जानकारी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 104 कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाने की अनुमति दे दी गई है जिन्हें एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले छह महीने में खोला गया। यह तमाम सेंटर केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही है योजनाओं की जानकारी देंगे। इससे उन लोगों को मदद मिलेगी जो इन योजनाओं के तहत शामिल हैं और उन्हें इन योजनाओं की जरूरत है।
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