नोटिस मिलने पर 'करोड़पति' कचौड़ी वाले ने कहा- मेरी आय आधी भी नहीं है
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कचौड़ी बेचने वाले मुकेश अब वाणिज्यिक कर विभाग के रडार पर आ गए हैं। मुकेश पर आरोप है कि उन्होंने जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) अधिनियम के तहत भुगतान नहीं किया है और ना ही दुकान का पंजीकरण कराया है। बता दें कि मुकेश की दुकान अलीगढ़ के सीमा टॉकीज के ठीक सामने है और दुकान का नाम मुकेश कचौड़ी भंडार है।
मोदी जी ने कहा था 40 लाख से कम वालों का पंजीकरण जरूरी नहीं
दुकानदार मुकेश कहते हैं, मेरी दुकान पर 20 जून को छापा मारा गया था। मेरी दैनिक बिक्री लगभग 2000-3000 रुपये है। मोदी जी ने कहा था कि 40 लाख रुपये से अधिक के कारोबार में जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता है, मेरी आय आधी भी नहीं है। ये लोग अब मुझे धमकी दे रहे हैं। बता दें कि मुकेश कचौड़ी भंडार को लेकर किसी ने लखनऊ में शिकायत की थी। इसके बाद लखनऊ ने अलीगढ़ को निर्देश दिया और फिर वाणिज्य विभाग की टीम ने दुकान पर छापेमारी की और दुकानदार से पूछताछ की।
टर्न ओवर का आकलन 60 लाख से अधिक
दरअसल जब वाणिज्य विभाग की टीम जांच करने पहुंची तो उसकी दुकानदारी देखकर उसके भी होश उड़ गए। वाणिज्य विभाग की टीम ने जब दुकानदार की सलाना टर्न ओवर के बारे में अंदाजा लगाया तो आंकड़ा 60 लाख के उपर पहुंच गया। यहीं नहीं अधिकारियों की माने तो ये टर्न ओवर एक करोड़ को भी पार कर सकता है। 21 जून को वाणिज्य विभाग की टीम सर्वे करने पहुंची। सर्वे और पूछताछ शुरू हुई तो व्यापारी ने खुद की हर महीने लाखों रुपए के टर्न ओवर की बात स्वीकर कर ली। जिसके बाद विभाग को पता चला है कि मुकेश ने जीएसटी में पंजीकरण भी नहीं करवाया है। जिसके बाद उसको नोटिस जारी किया गया है।
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क्या कहते हैं कि अधिकारी?
इस संबंध में वाणिज्यिक कर अधिकारी एके माहेश्वरी ने कहा कि दुकान पर छापा मारा गया था, जहां पाया गया है कि उनके वार्षिक कारोबार के आधार पर, वे न तो कर का भुगतान करते हैं और न ही जीएसटी अधिनियम के तहत अपना व्यवसाय पंजीकृत किया है। जांच करने पर पता चला है कि उनकी आय 60 लाख से अधिक है। लेकिन सवाल ये उठता है कि किसकी बात सही है, क्योंकि मुकेश बोल रहे हैं कि उनकी दुकानदारी उतनी नहीं जिससे की वो जीएसटी में पंजीकरण कराए। हालांकि फिलहाल विभाग नोटिस जारी कर मामले की जांच में जुटा हुआ है।
कचौड़ी बेचने वाला निकला करोड़पति, 60 लाख से अधिक का है सालाना टर्नओवर