बहादुर शाह जफर के पड़पौते ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के ताजमहल पर दावे को किया खारिज
मुंगल वंशज ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के ताजमहल पर दावे को किया खारिज
नई दिल्ली। खुद के आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का पड़पौता होने का दावा करने वाले वाय एच टुसी ने कहा है कि ताजमहल देश की सपंत्ति है ना कि किसी धर्म के बोर्ड की। टुसी ने सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड के ताज पर दावा किए जाने को लेकर ये बात कही है। टुसी ने कहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड या किसी और का ये दावा कि ताजमहल उनकी मिल्कियत है, ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि शाहजहां ने वक्फ को ताजमहल नहीं दिया था।
सुर्खियों के लिए ये सब कर रहा बोर्ड
टुसी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड जमीनें दबाने का काम करता रहा है लेकिन उसके दफ्तर में मेज और कुर्सियां तक नहीं हैं। ऐसे में वो ताजमहल को कैसे संभालेंगे। टुसी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ये सब मामले उठाकर सिर्फ हिन्दू और मुसलमान में खाई पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ मीडिया में सुर्खियों के लिए ये सब कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में है ये मामला
ताज महल को लेकर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच विवाद चल रहा है। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि ताजमहल पर उनका मालिकाना हक है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि खुद मुगल बादशाह शाहजहां ने बोर्ड के पक्ष में इसका वक्फनामा किया था। सुप्रीम कोर्ट ने बार्ड से कहा कि वो शाहजहां वाले दस्तखत किए हुए दस्तावेज सबूत के तौर पर दिखाए।
प्रिंस हबीबुद्दीन भी उठा चुके वक्फ बोर्ड पर सवाल
इससे पहले मुगल वंशज प्रिंस हबीबुद्दीन भी बाबरी मस्जिद मुद्दे पर अपनी बात रख चुके हैं। राम मंदिर मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वो दावा करने वाले होते कौन हैं। हबीबुद्दीन ने कहा है कि बाबरी मस्जिद पर सुन्नी वक्फ बोर्ड का कोई हक नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले को आपस में बैठकर निपटाया जाना चाहिए।
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