'बंगाल में बहुत कुछ हो रहा है', हत्याओं की जांच के लिए बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में बहुत कुछ हो रहा है। अदालत ने यह टिप्पणी बीजेपी की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्यायों की सीबीआई जांच की मांग की गई है। बीजेपी की ओर से वकील गौरव भाटिया जो कि राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्याओं की सीबीआई जांच चाहते हैं। गौरव भाटिया ने पीठ के सामने दलील दी कि तृणमूल कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के सदस्यों को धमका रहे हैं।
कार्यकर्ताओं के परिवार के लिए मुआवजे की मांग
साथ में उन्होंने तीन मारे गए कार्यकर्ताओं के परिवार शक्तिपाद सरकार, त्रिलोचन महतो और दुलाल कुमार के लिए मुआवजे की मांग की। याचिका की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय पीठ का नेतृत्व न्यायमूर्ति एके सीकरी कर रहे थे जिन्होंने यह टिप्पणी की। वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआई में भी बहुत कुछ हो रहा है। इसके बाद जवाब में जस्टिस सीकरी ने कहा कि इसलिए मैंने भी कहा।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने किया बचाव
मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन तीन मामले की बात की जा रही है उसमें एक आत्महत्या का मामला है, इसकी रिपोर्ट भी दे दी गई है। जबकि दो अन्य मामलों में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, ऐसे में इसकी सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वकील गौरव भाटिया से पूछा कि क्या सीबीआई पश्चिम बंगाल में मामलों की जांच कर सकती है, यह देखते हुए कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश सरकारों की तरह अपने क्षेत्र के भीतर केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र से सहमति वापस ले ली है। अब इस मामले की सुनवाई 21 फरवरी को होगी।
कब-कब हुई हत्या की घटनाएं
मंदिराबाजार-धनुरहाट क्षेत्र में भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष शक्तिपाद सरकार की उस समय हत्या कर दी गई जब वह पिछले साल 28 जुलाई को दक्षिण 24 परगना जिले से घर लौट रहे थे। जबकि भाजपा कार्यकर्ता 32 वर्षीय दुलाल कुमार का शव पिछले साल 2 जून को पुरुलिया जिले के बलरामपुर में बिजली के पोल से लटका मिला था। तीसरा मामला पिछले साल 30 मई का है जब 18 साल के त्रिलोचन महतो का शव, जो कि बलरामपुर के एक भाजपा कार्यकर्ता का शव पेड़ से लटका मिला था। यही वो तीन मामले हैं जिनकी सीबीआई जांच की मांग की गई है।