नारायणूर्ति जी, हमने किए घोटालों के 'अविष्कार'
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) इंफोसिस के पूर्व चीफ एन.नारायणमूर्ति कह रहे हैं कि पिछले 60 सालों में भारत में कोई 'अविष्कार' नहीं हुआ। क्या उनकी बात से कोई सहमत होगा। हमारे यहां इतने टाइप के तो अविष्कार हो रहे हैं कि बस पूछिए मत।
मोटे-मोटे अविष्कार
कहने वाले तो कहते हैं कि जितने तरह के अविष्कार भारत में होते हैं, विश्व के किसी देश में न होते होंगे। कुछ मोटे-मोटे अविष्कार तो आप भी सुन लीजिए।
अविष्कार ही अविष्कार
मसलन बोफोर्स अविष्कार, चारा अविष्कार, कोलगेट अविष्कार, 2जी अविष्कार, तेलगी स्टैंप अविष्कार, हवाला अविष्कार, सत्यम अविष्कार, कॉमनवेल्थ अविष्कार, पोंजी-चिट-फंट अविष्कार और हालिया व्यापमं अविष्कार ने तो पूरे देश में धूम मचा रखी है।
हद है जी
इतने सारे अविष्कार क्या कम हैं? मूर्तिजी, यह इंडिया है इंडिया। यहां कब, कौन-सा अविष्कार कौन बंदा कर ले, कुछ नहीं पाता। और आप कह रहे हैं कि 60 साल में कोई अविष्कार ही नहीं हुआ। हद है जी।
गंभीर टिप्पणी है
ये तो थी मजाक की बात। पर नारायणमूर्ति ने जो कुछ कहा वह अपने आप में बेहद गंभीर टिप्पणी है हमारे देश की विज्ञान से जुड़ी संस्थाओं तथा वैज्ञानिकों पर। हर साल देश इन संस्थानों पर हजारों करोड़ रुपये फूंकता है।
इसके बावजूद नतीजा सिफर। हमारे इधर के आईआईटी को बहुत सिर पर चढ़ाया जाता है। पर जरा आईआईटी वालों से पूछिए कि उन्होंने कौन सी बड़ी रिसर्च की। वे तो ये सवाल सुनकर ही बिदक जाएंगे।
बेशक, नारायणमूर्ति ने जोकुछ कहा है उस पर गंभीरता से चिंतन करने की जरूरत है। उनकी राय पर विचार होना चाहिए। अब जरा डिफेंस सेक्टर को देख लीजिए। इतना विशाल भारत पिद्दी से इजराईल से अपने बहुत से हथियार खरीदता है।