लोकसभा स्पीकर का आदेश, संसद के मानसून सत्र से पहले सांसदों को कराना होगा COVID-19 टेस्ट
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच संसद के मानसून सत्र की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं। 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वालेसंसद के मानसून सत्र से पहले सभी सांसदों का कोविड-19 टेस्ट भी कराया जाएगा। इस बात की जानकारी खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को अपने एक बयान में दिया है। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र की कार्रवाई शुरू होने से 72 घंटे पहले सभी सांसदों को आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा, इस टेस्ट में उनकी नाक या गले से स्वैब लिया जाएगा।
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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आगे कहा, कोरोना वायरस महामारी ने दुनियाभर की लोकतांत्रिक संस्थानों के कामकाज में बाधा उत्पन्न की है। हमें उम्मीद है कि सांसद, कोरोना संकट में दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मानसून सत्र को सफल बनाने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा, संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से संबंधित कर्मचारी और संसद भवन के परिसर में प्रवेश की संभावना वाले हर व्यक्ति का सत्र शुरू होने से पहले कोरोना वायरस टेस्ट किया जाएगा।
बिना
प्रश्नकाल
के
हो
सकता
है
मानसून
सत्र
बता
दें
कि
कोरोना
संकट
की
वजह
से
ही
मानसूत्र
में
पहले
ही
देरी
हो
चुकी
है।
क्योंकि,
बदले
हुए
हालातों
में
सुरक्षित
तरीके
से
संसद
का
मानसून
सत्र
आयोजित
करना
बहुत
बड़ी
चुनौती
है।
इसके
लिए
लोकसभा
अध्यक्ष
और
राज्यसभा
के
सभापति
और
सरकार
के
स्तर
पर
कई
तरह
की
तैयारियां
की
गई
हैं
और
कुछ
पर
अभी
भी
मंथनों
का
दौर
चल
रहा
है।
उन्हीं
में
से
ये
बातें
भी
हैं
कि
क्या
विशेष
परिस्थितियों
में
प्रश्नकाल
या
शून्यकाल
को
छोड़ा
जा
सकता
है।
ताकि,
आवश्यक
विधायी
कार्यों
को
तेजी
से
निपटया
जा
सके।
14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले संसद सत्र में कोई भी छुट्टी नहीं होगी। इस दौरान दोनों सदनों की कुल 18 बैठकें होंगी, जिसमें राज्यसभा की कार्यवाही दिन के शुरुआती चार घंटों में होगी और लोकसभा की बैठकें बाद के चार घंटों में आयोजित की जाएंगी। ऐसा इसलिए क्या जा रहा है, ताकि सांसदों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का अच्छी तरह से पालन हो सके। हालांकि, पहले दिन पहले चार घंटे लोकसभा की कार्यवाही होगी।
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