फिर से कांग्रेस के संकटमोचक बनेंगे डीके शिवकुमार, बागी विधायकों को मनाने की कोशिश
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में जारी सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस की सरकार संकट में आ गई है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ दावा कर रहे हैं कि सरकार सुरक्षित है और उनके पास बहुमत है, लेकिन विधायकों और ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया। विधायकों को मनाने और कमलनाथ सरकार को बचाने का जिम्मा एक बार फिर से कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार को सौंपा गया है।

पहले भी कई बार कांग्रेस के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले डीके शिवकुमार को इस बार भी बागी विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस के आलाकमान ने एक बार फिर से शिवकुमार पर भरोसा जताया है और नाराज विधायकों को मनाकर वापस पार्टी में लाने का अहम काम शिवकुमार को सौंपा है।
इससे पहले कनार्टक संकट के दौरान उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। उसके बाद से ही डीके शिवकुमार का नाम मीडिया की सुर्खियों में छा गया था।
एक बार फिर से कांग्रेस ने शिवाकुमार को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में देखना होगा कि वो इस बार कांग्रेस के लिए संकटमोचक बन पाते हैं कि नहीं। शिवकुमार राजनीतिक प्रबंधन में काफी निपुण माने जाते हैं। जैसे उन्होंने कर्नाचक में कांग्रेस की सरकार को बचाया अब उनपर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बचाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आपको बता दें कि कांग्रेस से नाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके खेमे के विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। विधायकों और सिंधिया के बाद से मध्य प्रदेश की सरकार अस्थिर हो गई है। सरकार को बहुमत साबित करना होगा। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ दावा कर रहे हैं कि उनके पास बहुमत हैं , लेकिन आने वाले चंद दिनों में ही साफ हो पाएगा कि सिंधिया के दांव से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार टिक पाती है या फिर एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश की सत्ता में लौटेंगे।
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