MP By-polls: मध्य प्रदेश उपचुनाव में आखिर ऐसा क्या हुआ कि खुद चुनाव आयोग को जाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट
MP By-polls: मध्य प्रदेश उपचुनाव में आखिर ऐसा क्या हुआ कि खुद चुनाव आयोग को जाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनावों (Madhya Pradesh Bypolls) का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर खुद चुनाव आयोग (Election Commission) गई है। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। चुनाव आयोग ने याचिका में कहा है, हाई कोर्ट का चुनाव को लेकर फैसला सुनाना मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप है। चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव कराने पर चुनाव आयोग का अधिकार है, ऐसे में हाई कोर्ट का ये फैसला हमारे काम में बाधा है।
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शिवराज की सरकार भी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
गुरुवार (22 अक्टूबर) को मध्य प्रदेश सरकार की शिवराज सिंह चौहान ने भी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एक वीडियो संदेश में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अशोक नगर के शडोरा और भंडार के लोगों से माफी मांगी, जहां उन्हें दो राजनीतिक रैलियों में भाग लेने की उम्मीद थी। कोर्ट के आदेश के बाद रैलियों को रद्द करना पड़ा।
चौहान ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हम हाई कोर्ट और उसके फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन इस फैसले के बारे में, हम सप्रीम जाएंगे, क्योंकि यह एक ही भूमि में दो कानून होने जैसा है।"
चुनाव आयोग ने याचिका में क्या-क्या कहा?
चुनाव आयोग ने अपनी याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश आने के बाद उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रक्रिया रोकी गई है। जो राज्य में हमारे काम और चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने चुनाव प्रचार और रैलियों पर कोरोना को देखते हुए रोक लगा दी है।आयोग ने कहा है कि हमने चुनाव प्रचार के लिए पहले ही कोविड-19 निमय और एसओपी जारी किए हैं, इसलिए हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाए। हाई कोर्ट ने कहा है कि रैलियों और चुनावी सभा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। आप चुनाव प्रचार वर्चुअल/ऑनलाइन तरीके से कीजिए।
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों के लिए 3 नवंबर को उपचुनाव है। इसके लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टी के नेता चुनावी जन सभा और रैली कर रहे हैं। ऐसे में हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसपर रोक लग गई है।