एमपी-राजस्थान और पश्चिम बंगाल के बाद बीजेपी शासित गुजरात ने भी नहीं किया मोटर व्हीकल एक्ट लागू
अहमदाबाद। 1 सितंबर से लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट का कुछ राज्यों ने विरोध शुरू कर दिया है। जबकि, कुछ राज्यों ने नए एक्ट में लगाए गए जुर्माने के प्रावधानों पर विचार करने के बाद ही इसे लागू करने की बात कही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने इस मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने से फिलहाल इनकार कर दिया है। वहीं, इन राज्यों के अलावा एक बीजेपी शासित राज्य ने भी नया मोटर एक्ट लागू नहीं किया है।
गुजरात में भी मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं
गुजरात सरकार ने ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लगने वाले भारी जुर्माने पर आपत्ति जाहिर की है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि आरटीओ से बात करके इस बारे में फैसला लिया जाएगा। अभी तक इस एक्ट का विरोध करने वालों में गैर-बीजेपी शासित राज्य ही शामिल थे, जबकि अब बीजेपी शासित गुजरात भी इसमें शामिल हो गया है। बता दें कि संसद सत्र में मोटर व्हीकल (संशोधन) विधेयक, 2019 पास हुआ था। बदले कानून में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए कानून को बेहद सख्त किया गया है।
नए मोटर व्हीकल एक्ट में भारी जुर्माने का प्रावधान
नए मोटर व्हीकल एक्ट पर राजस्थान सरकार ने कहा कि वह संशोधित कानून के तहत बढ़ाई गई जुर्माने की रकम पर विचार करने के बाद ही इसपर कोई फैसला लेगी। राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने कहा है कि उनकी सरकार कानून में संशोधनों को लागू तो करेगी, लेकिन जुर्माने की रकम को रिव्यू करने के बाद। वहीं, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश की सरकारों ने भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से संबंधित रविवार से लागू सेंट्रल मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट के प्रावधानों को अपने राज्यों में लागू करने से इनकार कर दिया।
एमपी-राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने भी नहीं किया इस एक्ट को लागू
नए कानून के तहत ज्यादातर ट्रैफिक उल्लंघनों के लिए पहले साल जुर्माने की राशि 1,000 रुपये फिक्स कर दी गई है, जिसे हर साल 10 फीसदी बढ़ाया जा सकता है। जबकि, शराब पीकर वाहन चलाने और एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों का रास्ता रोकने के लिए 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। कुछ मामलों में जुर्माने के साथ-साथ जेल और लाइसेंस जब्त होने का भी प्रावधान है। बताया जा रहा है कि कई सारे लोग जुर्माने की रकम बढ़ाए जाने से नाखुश नजर आ रहे हैं।