मोटर व्हीकल एक्ट: अन्य राज्यों ने भी उठाया ये कदम तो खत्म हो जाएगी पुलिस की गुंडागर्दी!
बेंगलुरु। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के लागू होने के बाद से पुलिस चेकिंग के दौरान मिल रहीं शिकायतों के बाद यूपी पुलिस के हाथ से वाहन चेकिंग का अधिकार छीन लिया हैं। लोगों की जान बचाने के लिए बनाया गया कानून पुलिसिया रवैये के कारण वाहनचालकों की जान के लिए आफत बन चुका है। यूपी सरकार की इस पहल का अनुसरण अन्य राज्य सरकारों को भी करना चाहिए ताकि वहां पर भी पुलिस की बेरहमी पर लगाम लग सके।
बता दें देश में 1 सितंबर 2019 से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया और ऐसे में ट्रैफिक पुलिस धड़ल्ले से चालान भी काटे जा रही है। शहर में कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी छोड़कर पुलिस तंत्र धनउगाही के लिए वाहन चेकिंग में मशरुफ हैं। इतना ही नहीं वह वाहन चालाकों से निर्दयता से भी पेश आ रही और उन पर डंडे भांज रही हैं। इस एक्ट के लागू होने के पहले भी हर राज्य में पुलिस ट्रैफिक नियमों के बहाने वाहन चालकों से मनमानी वसूली और उनकी बेरहमी से पिटाई करते हुए निर्दयता से पेश आती रही हैं।
इतना ही नहीं कई बार पुलिस चेकिंग नियमों की आड़ में चलती राह पर लोगों को डरा-धमका कर चालान काटने के बजाए उनसे हजारों रुपये वसूलते रहे हैं। जब से यह नया ऐक्ट लागू हुआ तो पुलिस इसकी आड़ में वाहनचालकों पर अत्याचार और बढ़ गया । पिछले दिनों सोशल मीडिया में दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के कई विडियो वायरल हुए जिनमें पुलिस की अमानवीय व्यवहार पूरे देश के सामने उजागर हुआ ।
पिछले दिनों सिद्धार्थनगर जिले का एक विडियो सोशल साइट्स पर वायरल हुआ जिसमें हेल्मेट न लगाने व गाड़ी का कागज ना होने पर एक लड़के को पुलिस सब इंस्पेक्टर व सिपाही लात-घूसों से जिस बेरहमी से पीटते दिख रहे थे। सिद्धार्थनगर जिले के खेसरहा थानाक्षेत्र के सकारपार पुलिस चौकी के पास बीते मंगलवार को चौकी प्रभारी देवेंद्र मिश्र व एक तैनात हेड कॉन्स्टेबल वाहन चेकिंग कर रहे थे।
इस दौरान अपने भतीजे के साथ सामान लेने गया रिंकू पांडेय नाम का शख्स वहां से गुजरा, जिसे इन पुलिसकर्मियों ने वाहन चेकिंग के नाम पर रोक लिया। रिंकू ने पुलिसकर्मियों को बताया कि वह बगल के ही गांव का है और यहां किसी काम के कारण आया था।
इस पर पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने रिंकू को लात-घूसे से पीटा और उसे गालियां भी दी। चाचा के साथ होती मारपीट पर रिंकू का भतीजा वहां खड़ा होकर रोता रहा, लेकिन फिर भी पुलिसकर्मियों का दिल नहीं पसीजा। इस दौरान रिंकू पुलिसकर्मियों से हाथ जोड़कर उसे माफ करने के लिए कहता रहा लेकिन चौकी इंचार्ज ने उसकी एक ना सुनी। बाद में इस घटना का विडियो वायरल होने के बाद एसपी धर्मवीर सिंह ने दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए।
इसी तरह की पुलिस चेकिंग के दौरान मिल रहीं शिकायतों और सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहे वीडियो के बाद ही यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिशा निर्देश दिया थाने की पुलिस अब वाहनों की चेकिंग नहीं कर सकेगी। यह फैसला पुलिस द्वारा की जा रही अवैध वसूली और वाहनचालकों के साथ बेरहम रवैये के कारण लिया हैं। इस आदेश के बाद यूपी में सिर्फ ट्रफिक पुलिस ही अब वाहनों की चेकिंग कर सकेंगी। यूपी की तरह अब अन्या राज्यों में भी थानों की पुलिस के हाथों से यह अधिकार छीन लेना चाहिए ताकि पुलिस के इस अत्याचार पर रोक लग सके।
आप को बता दें कि अगर आपके पास गाड़ी के सभी पेपर हैं तो पुलिस आपसे एक रुपया भी नहीं वसूल सकती न ही चालान काट सकती है। कुछ नियम ऐसे भी होते हैं जो वाहन चलाने वालों की मदद के लिए भी हैं। इन नियमों की जानकारी भी वाहन चालकों को उतना ही होना जरूरी है जितना कि चालान की रकम भरना। सड़कों पर अगर आप वाहन चला रहे हैं तो सबसे ज्यादा झगड़े पुलिस के चलती गाड़ी से जबरन चाबी खींचना या हाथ पकड़कर रोकने घटनाओं से सामने आता है, जिससे वाहन चालक दुघर्टना ग्रस्त भी हो सकता है। इसके अलावा कई मामले ऐसे भी आए हैं कि पुलिस वाले बेवजह पैसा वसूलते हैं। आइए जानते हैं कि इस संबंध में आपके क्या अधिकार है और अपने हक के लिए क्या कर सकते हैं।
क्या नहीं कर सकती पुलिस, यहां करें शिकायत
पुलिस सामने से आते वाहन को रोकने के लिए चलते वाहन पर चालक का हाथ नहीं पकड़ सकती है, उसे यह अधिकार नहीं हैं। इतना ही नहीं चलती गाड़ी से पुलिस सबसे पहले आपकी गाड़ी से अगर चाबी खींचकर रोकती है तो वह गलत होगा पुलिस आपको नहीं ऐसे रोक नहीं सकती हैं। इतना ही नहीं पुलिस चार पहिया वाहन के सामने अचानक बैरीकेड्स नहीं लगा सकती है। सड़क पर टू-व्हीलर राइड करने के दौरान यदि पुलिस जवान या ट्रैफिक वार्डन चाबी खींचकर या दबाव देकर आपको रोकते हैं तो वाहन चालक के पास अधिकार होता है कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी शिकायत कर सकते हैं।
सिर्फ इन्हें है चालान करने का अधिकार
शहर में अक्सर देखा होगा कि सिपाही या हवलदार या असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मी हाथ में चालान मशीन लेकर कार्रवाई करते रहते हैं। पर यहां भी आपको अपने अधिकारों को जानना जरूरी है। यदि किसी भी चेकिंग प्वॉइंट पर सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर का अधिकारी आप पर चालान करता है तो यह ठीक है। पर सब इस्पेक्टर से नीचे की रैंक के पुलिसकर्मी कहीं भी चालान नहीं काट सकते हैं। इसलिए जरूरी होता है कि ऐसे चेकिंग प्वाइंट जहां पर ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों को यातायात के नियम पूरे न करने पर चालान की कार्रवाई कर रही है। वहां इंचार्ज में सब इंस्पेक्टर या उससे ऊंची रैंक के अधिकारी का ओडिशा में अब तक का सबसे बड़ा चालान, ट्रक मालिक पर लगा साढ़े 6 लाख का जुर्माना, तोड़े 7 नियम होना जरूरी है।
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