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बेटी के लिए मां ढूंढती है ग्राहक, कुप्रथा को मिटाने के लिए एसपी की पहल

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नई दिल्‍ली। एक तरफ सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं को बढ़ावा दे रही है तो दूसरी तरफ मध्‍य प्रदेश का एक ऐसा हिस्‍सा है जहां बेटियों को जिस्‍मफरोशी के लिए मजबूर किया जाता है। मजबूर करने वाले कोई और नहीं बल्‍कि उनके मां-बाप ही हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले के करीब 65 गांवों में बसने वाले बांछड़ा समुदाय की जिसमें मां ही अपनी बेटी के लिए ग्राहक ढूंढ़ती है। इन गांवों की लड़कियां सज संवर कर हाइवे पर खड़ी हो जाती हैं और 200 रुपए में अपना जिस्‍म बेचती हैं। बांछड़ा समाज के डेरों की कई लड़कियां हैं जो देह व्यापार के इस दलदल से बाहर आना चाहती हैं लेकिन दहशत के कारण को घुट-घुट कर जीने को मजबूर हैं। लेकिन अब इन बुराईयों में बदलवा की बयार दिख रही है। इस 'गंदे धंधे' को बदलने के लिए नीमच के एसपी पहल कर रहे हैं।

लगाया जा रहा है प्रशिक्षण शिविर

लगाया जा रहा है प्रशिक्षण शिविर

नीमच के एसपी का नाम तुषारकांत विद्यार्थी है। विद्यार्थी बांछड़ा समाज के युवक-युवतियों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगा रहे हैं, जिसमें पुलिस भर्ती, पटवारी और वन विभाग सहित अन्य परीक्षाओं की तैयारी स्वयं करवा रहे हैं। इस काम में अन्य अधिकारी, कर्मचारी भी उनका सहयोग कर रहे हैं। साथ ही सबको किताबें भी निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

गांव-गांव जाकर बच्‍चों को पढ़ने-लिखने की प्रेरणा

गांव-गांव जाकर बच्‍चों को पढ़ने-लिखने की प्रेरणा

इन शिविरों में उन युवक-युवतियों को भी जोड़ा जा रहा है, जो कि पढ़े-लिखे नहीं हैं। ऐसे युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है। एसपी की इस पहल से बांछड़ा समुदाय के युवा काफी प्रभावित होकर लगातार जुड़ रहे हैं और प्रशिक्षण शिविरों का लाभ ले रहे हैं। एसपी विद्यार्थी बांछड़ा बहुल गांवों में भी जाकर बच्चों को पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित करने के साथ ही उनके परिजनों को भी जागरूक कर रहे हैं। उन्हें देह व्यापार की कुप्रथा से मुक्ति पाने के लिए भी समझाइश दे रहे हैं। इसके साथ ही नाबालिग युवतियों से देह व्यापार करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है।

कौशल उन्नयन व प्रशिक्षण

कौशल उन्नयन व प्रशिक्षण

बांछड़ा समुदाय के कम शिक्षित युवक-युवतियों को एसबीआई प्रशिक्षण संस्थान की मदद से हुनरमंद बनाया जा रहा है। उन्हें मोटर वाइंडिंग, इलेक्ट्रिक वायरिंग, सिलाई, मोबाइल रिपेयरिंग और अन्य तरह के प्रशिक्षण दिलाकर लोन भी मुहैया कराए जाएंगे ताकि वे आत्मनिर्भर हो सके। पहली बैच के लिए करीब 25 युवाओं का चयन किया है। पुलिस देह व्यापार की सूचना पर पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई करती है। नाबालिग किशोरियों का कार्रवाई के जरिए रेस्क्यू किया जाता है। कई किशोरियों को कानून से मिले अधिकारों से पुलिस ने आश्रम स्थलों पर पहुंचाया है। परिजनों को भी पाबंद किया है।

अबतक इस समुदाय की महिलाओं की ये है पहचान

अबतक इस समुदाय की महिलाओं की ये है पहचान

नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले के 65 गांवों में जिस्मफरोशी के ऐसे 250 अड्डे हैं। देश का यह इलाका जिस्‍मफरोशी के लिए बदनाम है। यहां मां-बाप के सामने ही बेटी अलग-अलग मर्दों के साथ रिश्‍ते बनाती है। राजधानी भोपाल के मात्र 350 किमी पर बसे मंदसौर में बछाड़ा समुदाय के लोग रहते हैं जिनकी परंपरा है कि जिस घर में बड़ी बेटी है वो देह व्यापार करेगी। हद तो यह है कि यह परंपरा को समुदाय के लोग अपने जीवन का हिस्सा मान चुके हैं और उन्हें अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है खुद महिलाएं और लड़कियां भी इस बात का बुरा नहीं मानती हैं और खुशी-खुशी इस व्यापार का हिस्सा बन जाती हैं।

English summary
Mother searches clients for daughter's flesh trade, appeals SP to end this evil practice.
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