सात समुंदर पार गए भारतीयों को आई वतन की याद, भारत में नौकरी ढूंढ रहे हैं अधिकांश US डिग्री होल्डर छात्र
नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार द्वारा कठोर की गई आव्रजन नियमों और नौकरी की संभावनाओं में कमी को देखते हुए बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी स्नातक अब भारत में नौकरियों की तलाश कर रहे हैं। इसका कारण यह भी है कि भारत में एडटेक और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में बढ़ते संभावनाओं ने उनके लिए स्वदेशी वापसी के लिए मौके तैयार किए हैं, जबकि कुछ कोविद-19 महामारी के दौरान परिवारों के साथ रहने के भावुक कारणों से भी स्वदेश वापसी की ओर प्रेरित हुए हैं।
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यश केवलामणि को भारत में नौकरी मिली अमेरिका का टाटा कह दिया
अमेरिकी स्वर्थमोर कॉलेज से गणित और अर्थशास्त्र में इसी वर्ष स्नातक की डिग्री पूरी करने वाले यश केवलामणि का कहना है कि उन्होंने पूरे एक साल के लिए अमेरिका में नौकरी खोजने की कोशिश की, लेकिन स्वदेशी कंपनी एडवर्ड स्टार्टअप लीडो लर्निंग के साथ मौका मिलने पर उन्हें अमेरिका से वापस आने का फैसला कर लिया।
स्वदेश लौटने का फैसला भारत में एडुटेक में बढ़ती संभावनाओं को दिया
केवलामणि ने बताया कि स्वदेश वापस आने का उनका फैसला मुख्य रूप से मिली प्रोडक्ट मैनेजमेंट की भूमिका थी, लेकिन आंशिक वजह महामारी थी। केवलामणि जानते हैं कि अब अमेरिका वापस जाना मुश्किल हो जाएगा, लेकिन वह अपने घर में खुश है, क्योंकि अब वो कमाए हुए सभी पैसे बचा सकते हैं।
अमेरिकी स्नातकों की रिज्यूमे की संख्या में भारी उछाल आई है: इंटरव्यूबिट
इंटरव्यूबिट और इंस्टाहेयर जैसे विशिष्ट तकनीकी भर्ती वेबसाइट ने बताया कि स्वदेश में नौकरी की संभावनाएं तलाश रहे अमेरिकी स्नातकों की रिज्यूमे की संख्या में भारी उछाल आई है।
यह विचित्र है कि MS या MBA होल्डर भारतीय छात्र वापस आने के इच्छुक है
साक्षात्कार अभ्यास और तकनीकी नौकरियों पर ध्यान देने के साथ रेफरल वेबसाइट इंटरव्यूबीट के कॉफाउंडर अभिमन्यु सक्सेना ने कहा कि यह बहुत विचित्र बात है कि एमएस या एमबीए होल्डर भारतीय अमेरिका से वापस आने के इच्छुक है, जबकि आमतौर पर उनके पास कर्ज चुकाने के लिए ऋण होता है, जिसके लिए वो कम से कम पांच साल तक वहां रहना चाहते हैं।
भारत में देश में एडटेक और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में अवसर बढ़ रहे हैं
स्नातकों ने महसूस किया है कि वे अमेरिका में एक नौकरी खोजने पर भरोसा नहीं कर सकते हैं, वह भी तब जब उनके अपने देश में एडटेक और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में अवसर बढ़ रहे हैं।
अब इंटरव्यू में महीने में लगभग 3,000-5,000 रिज्यूमे मिलते हैं: सैक्सेड
सक्सेना ने कहा कि अब इंटरव्यू में महीने में लगभग 3,000-5,000 रिज्यूमे मिलते हैं, जो पूर्व-कोविद की तुलना में 30-40 फीसदी की छलांग को दर्शाती है। मजे की बात यह है कि भारतीय जॉब के लिए रिज्यूमें भेजने वालों में से 60-70 फीसदी भारत में नौकरी के लिए तैयार बैठे हैं, जबकि पिछले साल यह औसत मुश्किल से 1 फीसदी था।
इच्छुक भारतीय अमेरिकी स्नातकों से 800 रिज्यूमे प्राप्त किए हैं: इंस्टाहायर
प्रीमियम तकनीक की नौकरियों पर केंद्रित एक अन्य वेबसाइट इंस्टायर ने भारत में नौकरियों के लिए आवेदन करने के इच्छुक भारतीय अमेरिकी स्नातकों से 800 रिज्यूमे प्राप्त किए हैं, इसके को-फाउंडर आदित्य राजगढ़िया ने बताया कि पिछले साल यह 100 से भी कम था।
कंपनी को हर हफ्ते यूएस स्नातकों से दर्जनों रिज्यूमे मिलते हैं: लीडो लर्निग
लीडो लर्निंग में मुख्य रणनीति अधिकारी नंदिनी मुलाजी ने बताया कि कंपनी को हर हफ्ते यूएस स्नातकों से दर्जनों रिज्यूमे मिलते हैं। अधिकांश नियोक्ता मंदी के दौरान वीजा इंस्पांसर करने के उत्सुक नहीं हैं। मुलाजी ने आगे कहा कि स्टैनफोर्ड में एमबीए की डिग्री से एक साल के लंबे ब्रेक पर है, वो लिडो में काम करने के लिए इच्छुक हैं।
भारत में जॉब्स सर्च के लिए टेक, कंटेंट और मार्केटिंग जॉब्स लोकप्रिय हैं
टैलेंट सर्च इंजन इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने बताया कि अमेरिका से भारत में जॉब्स सर्च के लिए टेक, कंटेंट और मार्केटिंग की नौकरियां लोकप्रिय हैं। इनमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेवलपर और ग्राफिक डिजाइनर जैसी भूमिकाएं शामिल हैं।
मिशिगन यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र भारत में जॉब तलाश रहा है
इसी साल मिशिगन टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी करने वाले सूरज नायर ने बताया कि वो अमेरिका, कनाडा और यूरोप में अवसरों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन भारत में भी नौकरियों के लिए साक्षात्कार दिया है।