एक महीने बाद कश्मीर में आज रात से काम करने लगेंगे सभी लैंडलाइन फोन
श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से पहले एहतियात के तौर पर लगाई गईं पाबंदियों को लागू हुए एक महीना हो चुका है। राज्य में जीवन धीमे-धीमे पटरी पर लौट रहा है। धीरे-धीरे घाटी में हालात सामान्य हो रहे हैं। श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट शाहिद चौधरी ने कहा है कि आज रात से ही घाटी में ज्यादातर टेलीफोन सेवाएं चालू कर दी जाएंगी। डीएम ने इन हालात में जनता के धैर्य बनाए रखने पर उनका आभार जताया है।
जिलाधिकारी चौधरी ने संचार सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया, 'घाटी के ज्यादातर टेलिफोन एक्सचेंज आज रात से ही वापस काम करना शुरू कर देंगे। इसी तरह से मोबाइल सेवाओं को भी बहाल कर दिया जाएगा। कुपवाड़ा में मोबाइल फोन की घंटियां बजनी शुरू भी हो गई हैं। धैर्य बनाए रखने के लिए सभी का शुक्रिया और असुविधाओं के लिए खेद है।
वहीं राज्य प्रशासन का कहना है कि उसने श्रीनगर और कश्मीर क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों में दिन के वक्त लोगों की आवाजाही पर लगीं लगभग सभी पाबंदियों में ढील दी गई है। लेकिन आम जन-जीवन अब भी प्रभावित है और दुकानें बंद हैं। छात्र शैक्षिक संस्थानों से दूर हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक गृह सचिव जल्द ही कश्मीर जाएंगे। गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कश्मीर में जमीनी हकीकत के मुताबिक योजना पर काम किया जा रहा है। हर दिन किसी न किसी स्तर पर कुछ न कुछ ढील जरूर दी जा रही है।
पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोहित कंसल ने कहा था कि पिछले हफ्ते 81 प्रतिशत थानों में पाबंदियां नहीं थीं, जिसे बढ़ाकर 92 कर दिया गया है। जबकि जम्मू और लद्दाख में दिन में कोई भी प्रतिबंध नहीं है। घाटी में लैंडलाइन सेवा भी बहाल कर दी गई हैं। रोहित कंसल ने कहा था कि 29 अन्य एक्सचेंज को बहाल किया गया है। अब 95 में से 76 एक्सचेंज चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि घाटी में 26 हजार लैंडलाइन्स को चालू कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू और लद्दाख में मोबाइल फोन पूरी तरह चालू हैं।
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