जानिए 'गन कैरिज' पर क्यों लाया गया अरुण जेटली का पार्थिव शरीर?
नई दिल्ली। देश के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को 'गन कैरिज' से अंतिम सफर पर ले जाया गया, जिसके बाद सबके दिमाग में एक ही सवाल बार-बार घूम रहा है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया तो इसके पीछे एक अहम वजह है।
क्या है वो वजह?
दरअसल नियम के मुताबिक प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को 'गन कैरिज' (सैन्य वाहन) से ले जाने की प्रथा है, और जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं, बस इसी वजह से उनके पार्थिव शरीर को 'गन कैरिज' पर रखा गया, लगभग 10.58 बजे फूलों से सजे 'गन कैरिज' (सैन्य वाहन) में अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय लाया गया था।
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हजारों ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
पूर्व वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली के पार्थिव शरीर को रविवार सुबह अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी मुख्यालय लाया गया। यहां गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी सहित पार्टी के बड़े नेताओं, हजारों कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। गौरतलब है कि अरुण जेटली का शनिवार दोपहर को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया, वो नौ अगस्त से एम्स हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अल अंतिम सांस ली।
सोनिया गांधी ने लिखा भावुक खत
आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी दुख जाहिर किया है, सोनिया गांधी ने अरुण जेटली के निधन के बाद उनकी पत्नी संगीता जेटली को एक पत्र लिखा है, जिसमे उन्होंने लिखा है कि अरुण जेटली ने तमाम राजनीतिक दलों में अपने मित्रों को अपनी ओर आकर्षित किया, जेटली बेहद ही निर्दयी बीमारी से पूरी ताकत और जबरदस्त उत्साह से लड़े। सोनिया गांधी ने लिखा कि मैं आपके प्यारे पति के निधन से बहुत दुखी हूं और आपके दुख के साथ हूं, ईश्वर से कामना है कि अरुण जेटली की आत्म को शांति मिले।
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