Corona: दिल्ली के ILBS में 900 से अधिक लोगों ने दान किया प्लाज्मा, रिकवरी रेट 90% के पार
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्लाज्मा बैंकों की पहल राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना रोगियों के लिए एक वरदान साबित हुई है। प्लाज्मा थेरेपी से दिल्ली मेंकोरोना वायरस के गंभीर मरीजों की जांच बचाने में भी मदद मिली है। कोरोना को मात दे चुके अब तक 900 से अधिक मरीजों ने दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस (आईएलबीएस) अस्पताल में अपना प्लाज्मा डोनेट किया है। दिल्ली में प्लाज्मा बैंक शुरू करने की सीएम अरविंद केजरीवाल की पहल ने कोरोना रोगियों में रिकवरी रेट को भी बढ़ाया है।
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बता दें कि देश का पहला प्लाज्मा बैंक 2 जुलाई को इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज (आईएलबीएस) में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य मरीजों को डोनेट किए गए प्लाज्मा प्रदान करना था। कुछ दिनों बाद दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) में एक और प्लाज्मा बैंक लॉन्च किया गया। केजरीवाल सरकार की ये पहल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तय किए गए दिल्ली मॉडल में सबसे बहत्वपूर्ण रहा। अब इसे कई राज्य अपना रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में कोरोना का रिकवरी रेट 90 फीसदी के पार पहुंच गया है। रिकवरी रेट 90.09 फीसदी है, वहीं संक्रमण दर 5.73 फीसदी है।
अब आईएलबीएस और एलएनजेपी अस्पतालों में दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित प्लाज्मा बैंक दिल्ली के केंद्र सरकार, राज्य सरकार, निजी और MCD अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों को नि: शुल्क प्लाज्मा दे रहे है। अब तक दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना रोगियों की रिकवरी के लिए 921 यूनिट डोनेटे प्लाज्मा प्रदान किए गए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुनिया भर के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि प्लाज्मा थेरेपी गंभीर रूप से बीमार रोगियों के रिकवरी में मददगार साबित हुई है। इसके बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी का प्रबंध करने की अनुमति मांगी। केंद्र सरकार से मिली अनुमति के बाद प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया गया। इस दौरान देखा गया कि आम लोग प्लाज्मा प्राप्त करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं जिसके बाद प्लाज्मा बैंक स्थापित किए गए।
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