बिजली-पानी कटने के डर से 50% से ज्यादा पूर्व सांसदों ने छोड़ा सरकारी बंगला, बाकी 109 पर हो सकता है ऐक्शन
नई दिल्ली- घर में बिजली-पानी काटे जाने का भय अब वीवीआईपी को भी सताने लगा है। यही वजह है कि जब मोदी सरकार ने करीब तीन महीने बाद भी सरकारी बंगला नहीं छोड़ने वाले पूर्व सांसदों पर ऐक्शन लेने की चेतावनी दी तो आधे से ज्यादा पूर्व सांसदों ने बिना वक्त गंवाए बंगला छोड़ देने में ही भलाई समझी है। मोदी सरकार को पूर्व सांसदों को सख्त चेतावनी इसलिए देनी पड़ी है, क्योंकि उसे नए सांसदों को लगातार तीन महीने से अलग-अलग जगहों पर ठहराना पड़ा है और यह सरकार पर एक बड़ा आर्थिक बोझ भी है। गौरतलब है कि पहले ये सांसद ठाठ से आलीशान होटलों में ठहरते थे, लेकिन मोदी सरकार ने अब सांसदों के लिए नए हॉस्टलों की व्यवस्था कर रखी है। लेकिन, इससे सांसदों को भी दिक्कत होती है और सरकार को भी उनके इंतजाम पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है।
ईटी ने सूत्रों के हवाले से अंदाजा लगाया है कि सरकार की सख्ती के बावजूद अभी भी 109 ऐसे सांसद बच गए हैं, जिन्होंने सरकारी आवास खाली नहीं किया है। सरकार की दिक्कत ये है कि खाली हो चुके बंगले में भी सांसदों को फौरन शिफ्ट नहीं कराया जा सकता, क्योंकि उसे उनके हवाले करने से पहले कई तरह के मेंटेनेंस से जुड़े काम कराने पड़ते हैं और रंग रोगन भी करना जरूरी होता है।
बंगला उपलब्ध नहीं होने की वजह से कई नए मंत्रियों को भी अपने दर्जे के हिसाब से सरकारी आवास का इंतजार करना पड़ रहा है। यही नहीं, जो सांसद पिछली सरकार में मंत्री थे, इसबार दोबारा जीतकर भी आए हैं, लेकिन मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिलने के चलते उन्हें लोकसभा पूल के हिसाब से नए आवास के आवंटन का इंतजार करना पड़ रहा है। इस तरह से सरकारी आवासों की किल्लत का ये चेन सरकार के लिए परेशानियां पैदा कर रहा है।
नियमों के मुताबिक पूर्व सांसदों को लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर ही सरकार आवास खाली कर देना चाहिए, लेकिन कई पूर्व सांसद ऐसा करने के लिए तब तक तैयार नहीं होते हैं, जबतक सख्ती न की जाए।
एक हफ्ते का वक्त मिला था
वैसे तो अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर पूर्व सांसदों ने सरकारी आवास खुद से खाली कर दिया है। हालांकि उनका ये भी कहना है कि 'लेकिन, हाउस कमिटी से मिला एक हफ्ते का अल्टीमेटम और नए सांसदों को उनके आवास का हैंड ओवर दिए जाने की व्यवस्था को चुस्त किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री के जिक्र ने बहुत ज्यादा प्रभाव डाला है। हमें पूरा विश्वास है कि 90% से ज्यादा आवास अगले कुछ दिनों में तैयार हो जाएंगे।'
बिजली-पानी काटने का था अल्टीमेटम
गौरतलब है कि पिछले सोमवार को ही पार्लियामेंट्री पैनल ने समय से ज्यादा दिन तक सरकारी बंगलों में रहने वाले पूर्व सांसदों को चेतावनी दी थी कि अगर वह आवास खाली नहीं करेंगे तो तीन दिनों के भीतर उनके आवासों का बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा। बता दें कि लोकसभा की हाउस कमिटी ने 300 सांसदों को नया आवास आवंटित कर रखा है, लेकिन उनमें से लगभग 200 पर पूर्व सांसदों ने कब्जा जमा रखा था। लेकिन, अब उनकी संख्या सिर्फ 109 बताई जा रही है। उधर जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के लिए अब 2, कृष्णा मेनन मार्ग का बंगला आवंटित किया गया है। यह बंगला पहले पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम पर आवंटित था। उन्होंने नई सरकार के पदभार संभालते ही अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था।
सांसदों के लिए नया बंगला भी बना है
बता दें कि मोदी सरकार ने सांसदों के लिए नए आवासों का भी निर्माण करवाया है। इन सरकारी डुप्लेक्स फ्लैट्स की संख्या 36 है, जिसे आधुनिक जरूरतों को ध्यान रखते हुए तैयार किया गया है। सांसदों के लिए बनाए गए आवासों में मॉड्यूलर किचेन, 4 बेडरूम और एक ऑफिस एरिया भी दिया गया है। लुटियंस दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू में स्थित इन फ्लैट्स में हर सांसदों के लिए लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध है।