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दिवाली में करोड़ों का है गिफ्ट का कारोबार, कॉरपोरेट वर्ल्ड भी खूब बांटती है डिब्बाबंद मिठाईयां!

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बेंगलुरू। दिवाली पर मिठाई के डिब्बों की महक ही त्योहार की रंगत को दोगुना करने के लिए काफी हैं, लेकिन इस दिवाली मिठाई के डिब्बे रंग में भंग डालते हुए दिख रहे हैं। जी हां, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए चर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड में शामिल हत्यारों ने मिठाई के डिब्बों में छिपाकर लाए हथियारों से कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम दिया था।

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मालूम हो, हिंदू महासभा के नेता कमलेश त्रिपाटी की हत्या में इस्तेमाल रिवाल्वर और चाकू को हत्यारों ने मिठाई के डिब्बों में छिपाया हुआ था और घर में घुसने के बाद मौका पाकर हत्यारों ने उन हथियारों के इस्तेमाल से कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या को अंजाम दिया था।

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मिठाई के डिब्बों में हथियार छिपाकर हत्या को अंजाम देने का शायद यह पहला मामला था। ऐन दिवाली त्योहार से पूर्व हुई इस घटना को अंजाम देने में हत्यारे इसलिए सफल रहे, क्योंकि उनके इरादों को कमलेश तिवारी ही नहीं, उनके परिवार को कोई सदस्य भी भांप नहीं पाए। मिठाई में हथियार छिपाकर हत्या को अंजाम देने का यह तरीका निःसंदेह अनोखा था।

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दिवाली से पूर्व हुई यह घटना दिवाली त्योहार में मिठाई बांटने की पुरातन परंपरा को धक्का जरूर पहुंचा सकती है। बहुसंख्यक हिंदुओं के दूसरे प्रमुख त्योहारों में शामिल होली में रंग खेलने की परंपरा को धूल-धूसरित होते हुए बहुत बार देखा गया है जब प्रेम और सद्भाव के पर्याय रंगों की होली को दुश्मनी में लोगों ने खून की होली में तब्दील करने लग गए थे।

उल्लेखनीय है दीपों के त्योहार दिवाली को महज अब 7 दिन बाकी रह गए है। हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार के रूप में शुमार दिवाली उत्तर भारत में खूब धूमधाम से मनाई जाती है। त्योहार के दिन लोग मित्रों, पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों के घर मिठाईयां भिजवाते हैं। मान्यता है कि इस परंपरा की शुरूआत तब हुई जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष वनवास के बाद पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या नगर वापस लौटे थे।

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अयोध्या नगरी में भगवान राम के वापस लौटने की खुशी को नगरवासियों ने दीए जलाकर और एक दूसरे को मिठाईयां बांटकर मनाई थी। माना जाता है यह हिंदुओं की पहली दिवाली थी और तब से ही शारदीय नवरात्रि के बाद दिवाली में दीए जलाने, आतिशबाजी करने और फिर एकदूसरे के घरों में मिठाईयां भिजवाने की परंपरा की शुरूआत हुई थी।

गौरतलब है होली त्योहार के बाद हर वर्ष अखबारों की सुर्खियों में ऐसी खबरें अक्सर छपती हैं, जिसमें रंगों की होली की आड़ में खून की होली खेलते हुए लोग अपनी पुरानी दुश्मनी निकाल लिया करते थे। ऐन दिवाली से पहले हुए उक्त घटना ने दिवाली की मिठाईयां को शक के दायरे में ही नहीं खड़ा किया है बल्कि एक सद्भावनात्मक पंरपरा के जरिए लोगों को जुर्म करने का एक नया तरीका दे दिया है।

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कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर किसी दिन घटना की पुनरावृत्ति की खबर अखबारों की सुर्खिया बन जाएं, क्योंकि दिवाली के त्योहारों की यह अनुष्ठानिक पंरपरा अब घर और कुनबों की चाहरदीवारी से निकलकर कॉर्पोरेट वर्ल्ड का हिस्सा बन चुका है, जहां दिवाली के मौके पर क्लाइंट्स को खुश करने और नए बिजनेस मौकों के लिए कार्पोरेट कंपनियां खूब गिफ्ट बांटतीं है, जिसमें डिब्बेबंद गिफ्ट प्रमुख होते हैं, जिनमें प्रायः मिठाईयां और ड्राई फ्रूट्स पैक किए होते हैं।

एक अनुमान के मुताबिक इस दिवाली अकेले एनसीआर में करीब 500 करोड़ के कारोबार होने का अनुमान है। पूरे देश में यह आंकड़ा 1500 करोड़ के पार जा सकता है। बाजार विशेषज्ञों की मानें तो गिफ्ट कारोबार में बड़ा हिस्सा कॉरपोरेट और बिजनेस रिलेशन गिफ्ट का है, जो अपने बिजनेस के विस्तार के मद्देनजर अपने क्लाइंट्स को मंहगे गिफ्ट के साथ मिठाईयों के डिब्बे भिजवाते हैं, जिसे विशेषज्ञ इमेज बिल्डिंग व रिलेशन से जोड़कर देखते है।

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विशेषज्ञों के मुताबिक इंडस्ट्री में बिजनेस डीलिंग से लेकर क्लाइंट सर्विसिंग और बिजनेस रिलेशन महत्वपूर्ण है। इस मौके पर कॉरपोरेट में बिजनेस रिलेशन, नेटवर्किंग-मार्केटिंग डेवलप करने के लिए गिफ्ट की परंपरा शुरू हुई है, जिसे आज छोटे काराबोरी से लेकर बड़े कारोबारी सभी हाथोंहाथ ले चुके हैं।

कहते हैं एक घटना-घटना की पुनरावृत्ति में सहायक होते हैं। कमलेश तिवारी हत्याकांड में प्रयुक्त तरीकों ने दिवाली पर मिठाईयों बांटने की परंपरा को आहत करने के लिए काफी हैं। यह घटना दिवाली की ठीक पहले घटित हुआ है, जिसका दिवाली पर पड़ना स्वाभाविक हैं।

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संभव है कि दिवाली पर मिठाईयों का डिब्बा लेकर खड़े किसी अनजान व्यक्ति को देखकर अगला सहम जाए कि कही उसमें हथियार छिपाकर तो नहीं लाए गए हैं। क्योंकि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के तरीकों में इस्तेमाल मिठाइयों के डिब्बों ने सबको अंदर तक झकझोर दिया है।

कमलेश तिवारी की हत्या और हत्या की तरीकों पर चर्चा आज आम हैं। हत्यारों ने मिठाई की डिब्बों में छुपाए चाकू से करीब 18 बाद कमलेश तिवारी पर वार किए और अंततः हत्या की पुष्टि के लिए उसी मिठाई के डिब्बों में छुपाए पिस्टल से कमलेश तिवारी पर गोली भी चला दी थी।

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पुलिस अभी हत्या की साजिश शामिल लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन हत्या में शामिल वास्तविक लोगों तक अभी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। कमलेश तिवारी हत्याकांड पर जांच और खुलासे होने में अभी वक्त लग सकता है, लेकिन दिवाली बेहद निकट है।

माना जाता है कि रियलिटी हमेशा फिक्शन से ज्यादा खतरनाक होते हैं और अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीकों को सीखने और उसको अंजाम देने में देर नहीं लगाते हैं। एक अपराधी के लिए इस दिवाली का त्योहार को अपनी फितरत को निकालने का एक बेहतर मौका हो सकता है। ऐसे में वो लोग भी शिकार हो सकते हैं, जो गिफ्ट के डिब्बे वितरित करने के बाहर निकले हों और किसी की आशंका के शिकार होकर हवालात पहुंच जाएं।

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इसलिए जरूरी है कि शासन और प्रशासन ऐन दिवाली से पहले ईजाद हुए अपराध के इस तरीके मद्देनजर ज्यादा अहतियात बरते ताकि अपराधियों को समय रहते पकड़ा जा सके। क्योंकि ऐसे कईयों उदाहरण हैं जब अपराधियों ने अपराध करने के नए-नए तरीकों को सीखकर उसको अंजाम देने लगते हैं।

टीवी सीरियल्स, क्राइम शो, क्राइम मैगजीन्स, क्राइम समाचार जैसे कई ऐसे माध्यम है, जहां से अपराधी क्राइम करने के नए-नए हथकंडे सीखते हैं और उसको आसानी से अंजाम देते आ रहे हैं। जरूरत है कि शासन और प्रशासन अपराध और अपराध को अंजाम देने के अपराधियों के तरीकों की रिपोर्टिंग पर अंकुश लगानी चाहिए।

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क्योंकि अपराध के नए तरीकों के खुलासे से समाज में बैठे उन लोगों को अपराध करने के लिए नए रास्ते तुरंत सुझा देते हैं, जिसे प्रायः अपराध की पुनरावृत्ति यानी Recurrence of crime पुकारते हैं। अपराध के तरीकों को सीख कर आपराधिक मानसिकता वाले लोग नई घटना को अंजाम देते है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है।

क्योंकि इसका असर आदतन अपराधी ही नहीं, बल्कि यह उन पर भी नकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं, जो मासूम और अपरिपक्व होते हैं। ऐसे कईयों उदाहरण हैं जब वीडियो गेम और फिल्म देखकर मासूमों ने कईयों को मौत के घाट उतार दिया। कई बार तो इस एडिक्शन में गेमर खुद भी नुकसान पहुंचा लेते हैं।

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English summary
Big hyped Kamlesh Tiwari murder case may hit more than 1500 crore gift business of India. Diwali has special tradition of distributing sweet and corporate world using diwali gift as a tool increase relationship.
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