नए आर्मी चीफ ने बताया कैसे इंडियन आर्मी ने अंजाम दिया था सर्जिकल स्ट्राइक को
इंडियन आर्मी के नए चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा पाकिस्तान के खिलाफ और सर्जिकल स्ट्राइक्स की संभावना को नहीं किया जा सकता खारिज। कहा उरी आतंकी हमले के बादसर्जिकल स्ट्राइक्स पाक को था कड़ा जवाब।
नई दिल्ली। एक जनवरी को इंडियन आर्मी के नए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) का जिम्मा संभालने वाले जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ आने वाले समय में और ज्यादा सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम दिया जा सकता है। जनरल रावल ने पद संभालनेसंभालने के बाद कहा था कि इंडियन आर्मी बॉर्डर पर शांति कायम रखेगी लेकिन जरूरत पड़ने पर जोर आजमाने से भी पीछे नहीं हटेगी।
पूरी तैयार के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक
जनरल रावत ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक्स के जरिए दुश्मन को एक संदेश देना था जो कि काफी जरूरी था। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक्स के जरिए हम उन्हें बताना चाहते थे कि अगर आतंकवादी सीमा पार छिपे हैं और अगर वे हमारी तरफ एलओसी पर हालातों को मुश्किल करते रहेंगे तो फिर उनके खिलाफ एक्शन लेना इंडियन आर्मी का अधिकार है और ऐसा किया जाएगा। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि इंडियन आर्मी इस तरह के दूसरे तरीकों पर भी विचार कर रही है। जनरल रावत की मानें तो सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम देते समय काफी योजना और तैयारियों की जरूरत होती है। इनकी गोपनीयता बरकरार रखना भी काफी जरूरी है। इसके अलावा ट्रूप्स की सेफ्टी भी सबसे अहम होती है। जनरल रावत मानते हैं कि सफल सर्जिकल स्ट्राइक्स का श्रेय उनके पूर्वाधिकारी को जाता है जिन्होंने इन ऑपरेशंस की योजना तैयार की। इसके अलावा उन्होंने नॉर्दन आर्मी कमांड और ग्राउंड ट्रूप्स को भी इसका श्रेय दिया। उरी आतंकी हमले के बाद जो सर्जिलक स्ट्राइक हुई उसकी एक बेहतर योजना तैयार की गई थी। इसके अलावा काफी तैयारियां की गई और तब कहीं जाकर इसे अंजाम दिया गया। साथ ही रियल टाइम के आधार पर इस पर नजर रखी गई थी। पढ़ें-जनरल बिपिन रावत ने दी पाकिस्तान को चेतावनी
जनरल रावत की थी एक अहम जिम्मेदार
आपको बता दें कि 18 सितंबर 2916 को को जब उरी आतंकी हमला हुआ तो रावत वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ थे। सिर्फ तीन हफ्ते ही हुए थे जब उन्हें यह पद दिया गया था। इसके बाद पीओके में एक सर्जिकल स्ट्राइक हुई और इस बार रावत फिर से एक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाली टीम का अहम हिस्सा थे। डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) को वाइस चीफ को ही रिपोर्ट करना होता है और जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो रावत साउथ ब्लॉक का नर्व सेंटर थे। वह एक बार फिर से एनएसए के साथ एक और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे रहे थे।