यात्रीगण ध्यान दें! अब लेट नहीं होगी ट्रेन, देरी होने पर ड्राइवर बढ़ा सकेंगे रेल की स्पीड
नई दिल्ली। ट्रेनों की लेटलतीफी वो किस्सा बन गया है जो कभी खत्म होने का नाम नहीं लेता है, खासकर उत्तर भारत में चलने वाली ट्रेनें लगभग रोज ही 8 से 10 घंटे लेट चलती हैं जिसके वजह से यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। रेलवे के तमाम दावों के बावजूद इसमें कोई व्यापक सुधार होता नहीं दिखाई दिया है। वहीं, अब रेलवे ने एक बार फिर ट्रेनों के समय से चलाने में आने वाली परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ परिस्थिति के अनुसार ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के लिए ड्राइवर को अधिकार देने का फैसला किया है।
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चालक ट्रेन की गति को बढ़ा देगा।
रेलवे अब ये कदम उठाने जा रहा है कि ट्रेन लेट होते ही चालक ट्रेन की गति को बढ़ा देगा। वहीं, समय पर चलने के साथ ही चालक रफ्तार को फिर से कम कर देगा। दरअसल, रेलवे ने ट्रेनों को समय से चलाने के लिए यह योजना तैयार की है। रेलवे का मानना है कि इस कारण ट्रेनों को समय से चलाने में काफी मदद मिलेगी और यात्रियों को परेशानी से निजात भी मिलेगी।
यात्रियों को मिलेगी परेशानियों से निजात
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल में इसकी तैयारियां शुरू की जा चुकी है। रेलवे ने 230 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बदलने और 23 कमजोर पुलों के स्थान पर नए पुल बनाने का काम मुरादाबाद जोन में शुरू कर दिया है। रेलवे के सामने सबसे बड़ी परेशानी है कि अधिकतम गति के बावजूद ट्रेनें उससे कम स्पीड पर चलती हैं। चूंकि पटरियों की मरम्मत, पुल निर्माण के कारण कुछ दुर्घटनाओं के बाद अधिकतम स्पीड पर ट्रेन चलाने पर चालक को सेवाओं के बर्खास्त होने का डर सता रहा होता है, इसलिए वो कम स्पीड पर ट्रेन चलाते हैं।
मुरादाबाद मंडल में काम शुरू
लेकिन रेलवे ने मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद अधिकतम गति पर ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं दी और इसी कारण ट्रेनें औसत गति 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर ही चलती हैं। वहीं, मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने कहा कि अब पहले से काफी सुधार आया है और अधिकतर ट्रेनें समय पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन की मरम्मत के बाद भी लखनऊ-मुरादाबाद के बीच ट्रेन संचालन में एक घंटे का समय कम हुआ है।
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