गेंहू की सफाई के नाम पर किसानों से 20 रुपए क्विंटल ले रही है यूपी सरकार: राज्यसभा में सपा सांसद
गेंहू सफाई के नाम पर किसानों से 20 रुपए क्विंटल ले रही है यूपी सरकार: राज्यसभा में सपा सांसद
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने सदन में किसानों से गेंहू बेचने के दौरान सफाई के लिए पैसा लिए जाने का मुद्दा उठाया है। जावेद अली खान ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों से गेहूं खरीदने में 20 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ढुलाई, सफाई, छनाई के नाम पर ले रही है और लोगों को इस राशि की कोई रसीद भी नहीं दी जा रही है। ऐसे में किसान को गेंहूं की एमएसपी पर 20 रुपए एक क्विंटल पर तो यहीं कम मिल रहा है।
किसान को हर क्विंटल पर 20 रुपए का नुकसान
जावेद अली खान ने शून्यकाल में गेंहू पर 20 रुपए क्विंटल कम मिलने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन किसान को ये मिल नहीं रहा है। उसके हाथ में एक क्विंटल के 1905 रुपए आ रहे हैं। हर क्विंटल पर 20 रुपए गेहूं की ढुलाई, उतराई सफाई के नाम पर उत्तर प्रदेश सरकार ले रही है। जावेद ने कहा कि किसान के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।
जावेद अली ने अपना अनुभव किया साझा
जावेद अली खान ने कहा, ये मैं कोई सुनी सुनाई बात पर दावा नहीं कर रहा हूं बल्कि खुद के अनुभव से कह रहा हूं। मैं जब अपना गेहूं बेचने के लिए गया तो सेंटर के संचालक ने उतराई, सफाई, छनाई के नाम पर 20 रुपए प्रति क्विंटल नकद देने की मांग की। मैंने इसकी वजह पूछी तो उसने यूपी सरकार का ऑर्डर दिखाया। इस ऑर्डर में कहा गया है कि केंद्र से लेकर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किसान को बाद में इसकी भरपाई की जाएगी। सांसद ने कहा कि पिछले तीन साल में जो ऐसे व्यय किसानों से लिया गया था उसका भुगतान आज तक नहीं किया गया। ऐसे में इसकी भरपाई कब होगी, इस पर आप ही सोच लें।
किसानों से ले लिया 72 करोड़
जावेद अली खान ने कहा कि 36 लाख टन गेहूं यूपी में खरीदा गया है। ऐसे में किसानों से 72 करोड़ रुपए यूपी से ही सरकार ने ले लिया है। इसी तरह 780 करोड़ रुपया देश भर में किसानों का जबरन लिया गया है। यह राशि नकद ली गई और उसकी रसीद भी नहीं दी गई है। ऐसे में ये पैसा कहां गया, इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए। इस पर राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने कहा कि एक अहम मसला है। सरकार इसकी जानकारी करे और अपना जवाब दे।