18 सालों में सबसे सफल रहा मॉनसून सत्र, मोदी सरकार ने हासिल की 5 बड़ी कामयाबी
इस सत्र में पिछले 18 सालों में सबसे ज्यादा काम हुआ। सदन के अंदर कुल 22 विधेयक पेश हुए, जिनमें से 21 पारित हुए।
नई दिल्ली। 18 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मॉनसून सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। कामकाज के हिसाब से मॉनसून सत्र मोदी सरकार के लिए काफी सफल सत्र रहा। इस सत्र में पिछले 18 सालों में सबसे ज्यादा काम हुआ। सदन के अंदर कुल 22 विधेयक पेश हुए, जिनमें से 21 पारित हुए। हालांकि सदन में एक राय ना बन पाने के कारण तीन तलाक से संबंधित बिल राज्यसभा में पेश नहीं हो पाया और शीतकालीन सत्र तक के लिए फिर से ये बिल लटक गया। इसके बावजूद मोदी सरकार ने मॉनसून सत्र में पांच बड़ी सफलताएं हासिल की।
अविश्वास प्रस्ताव पर दोतरफा जीत
मॉनसून सत्र में मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अविश्वास प्रस्ताव रहा। केंद्र सरकार के खिलाफ तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस, सपा, आरजेडी, टीएमसी और वाम दलों ने अपना समर्थन दिया। इस अविश्वास प्रस्ताव को गिराकर मोदी सरकार ने ना केवल विपक्ष को पराजित किया, बल्कि संसद से अपनी योजनाओं का बखूबी बखान कर मौके का दोहरा फायदा उठाया। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान ही भाजपा को एआईएडीएमके और बीजेडी के रूप में नए साथी मिले।
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SC/ST एक्ट के जरिए दलितों को साधा
एससी/एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा के खिलाफ दलितों में उपजे अंसतोष को देखते हुए मोदी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से दोबारा इस कानून को उसके पुराने स्वरूप में लौटाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एनडीए के सहयोगी दलों का भी केंद्र सरकार पर भारी दबाव था। संसद के भीतर एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल पास हुआ और मोदी सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़े राजनीतिक संकट को टालने में सफल रही।
OBC बिल के जरिए पिछड़े वर्ग को संदेश
मॉनसून सत्र के दौरान मोदी सरकार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाला बिल राज्यसभा में पास कराने में सफल रही। लोकसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका था। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने बिल के पास होने पर संसद में बयान दिया कि इससे देश के पिछड़े समुदाय के लोगों का सशक्तिकरण होगा। संसद में पास होने के बाद इस बिल को अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिलनी बाकी है, जिसके बाद यह कानून प्रभावी हो जाएगा।
राज्यसभा में हासिल किया उपसभापति का पद
संसद का मॉनसून सत्र खत्म होने से ठीक एक दिन पहले राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को जीत हासिल हुई। हरिवंश को राज्यसभा के अंदर 125 सांसदों का समर्थन मिला। सरकार के खिलाफ हाल ही में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के ठीक बाद हुए इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को उपसभापति बनाकर भाजपा ने अपना मास्टर स्ट्रोक चला। उपसभापति पद हासिल कर मोदी सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही एनडीए के कुनबे की मजबूती के संकेत दे दिए।
तीन तलाक के मुद्दे पर विपक्ष को घेरा
राज्यसभा के अंदर तीन तलाक से संबंधित बिल भले ही पेश ना हो पाया हो, लेकिन सरकार इस मुद्दे को गरमाए रखने में सफल रही। तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इससे संबंधित बिल पर सरकार को विपक्ष का साथ नहीं मिला और भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। सरकार अब इस बिल को लेकर अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है।
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