पीएम केयर्स फंड को लेकर मनीष तिवारी ने लोकसभा में उठाया सवाल, अनुराग ठाकुर ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने कोरोना संकट को लेकर बनाए गए पीएम केयर फंड पर सवाल किया। मनीष तिवारी ने कहा, चूंकि पीएम केयर्स फंड का नाम प्रधानमंत्री की संस्था से जुड़ा हुआ है। ऐसे में मेरा सवाल है कि क्या ये अधिक उपयुक्त नहीं होता कि यह फंड पब्लिक ट्रस्ट बनाकर बनाने की बजाय एक कानून के माध्यम से बनाया गया होता।
मनीष तिवारी के पीएम केयर फंड पर किए सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम केयर्स फंड पब्लिक चैरेटिबल ट्रस्ट है, जिसे भारत के लोगों के लिए स्थापित किया गया है। आप (विपक्ष) ने गांधी परिवार के लिए विश्वास पैदा किया। नेहरू और सोनिया गांधी पीएम के राष्ट्रीय राहत कोष के सदस्य रहे हैं। इस पर एक बहस होनी चाहिए। जवाहर लाल नेहरू ने 1948 में एक शाही आदेश की तरह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बनाने का आदेश दिया था लेकिन उसका पंजीकरण आज तक भी नहीं हो पाया है। कोई बताएगा कि FCRA की मंजूरी कैसे मिली?
Recommended Video
ठाकुर ने कहा, विपक्ष को हर बात की ही विरोध करना है। पीएम केयर्स फंड का विरोध भी ऐसा ही है। इन्होंने (विपक्ष) ईवीएम का विरोध किया और कई चुनाव हार गए। इन्होंने जन धन, नोटबंदी, ट्रिपल तालक और जीएसटी को भी बुरा बताया। कांग्रेस को हर चीज में खामी नजर आती है। इनकी मंशा क्या है, उसमें कुछ खोट दिखता है।
पीएम केयर्स फंड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च को ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सभी क्षेत्रों के लोगों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दान देने की इच्छा जताई है जिसका सम्मान करते हुए इस फंड का गठन किया गया है। उन्होंने सभी देशवासियों से इसमें योगदान देने की अपील की थी। हालांकि इसकी पारदर्शिता को लेकर सवाल लगातार उठते रहे हैं। सरकार ने लोकसभा में कहा है कि प्रधानमंत्री की नागरिक सहायता और आपात स्थिति में राहत कोष (पीएम केयर्स फंड), हालांकि केंद्र सरकार ने धारा 2 (एच) के तहत बनाया गया है, मगर यह सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है यानी ये'पब्लिक अथॉरिटी' नहीं है। इसको लेकर भी विपक्ष सवाल करता रहा है।
ये भी पढ़ें- सांसदों और मंत्रियों के वेतन, भत्तों में 30 फीसदी कटौती वाले विधेयक राज्यसभा से पास