NGO ने बीजेपी नेता बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी पर लगाए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
नई दिल्ली। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी जगी मंगत पांडा की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली के एक एनजीओ ने आरोप लगाया गया कि, बहामास की दो शैल कंपनियों जो अस्तित्व में नहीं हैं, उनमें से एक भारत की एक कंपनी में अपना स्वामित्व रखती है। जिसने करोड़ों रुपये के काले धन से खरीदी गईं संपत्तियों को बैजयंत पांडा और उनकी पत्नी जगी मंगत पांडा की कंपनियों को बेचा है।
एनजीओ का कहना है कि, यह राउंड ट्रिपिंग ब्लैक मनी, मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी का स्पष्ट मामला है। एनजीओ के सदस्यों ने आरोप लगाया कि, पहले काले धन को भारत से बाहर ले जाया गया और इसके बाद भारत में संपत्तियों की खरीद के लिए शेल कंपनियों के माध्यम से वापस लाया गया। ओटीवी और अन्य कंपनियों ने इन कंपनियों के साथ सौदा किया, जो अस्तित्व में है ही नहीं। ये कंपनियां काले धन को लॉन्ड्रिंग करती हैं।
एनजीओ का दावा है कि, फिनले और मेसिना भी ऑरटेल में निवेशक हैं। जो पांडा के परिवार के स्वामित्व वाली एक अन्य कंपनी है। ऑरटेल ने ओटीवी में 3.02 फीसदी का निवेश किया है। निवेश के लिए पैसा बहामास से आया है औऱ कमाई के लिए पैसा वापस बहामास ले जाया गया है। इस एनजीओ ने पांडा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक मामला दर्ज करने की मांग की और अपनी कंपनियों को अटैच करने का आग्रह किया।
बता दें कि हाल ही में क्योंझर से सांसद चंद्राणी मुर्म ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिख ओटीवी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि ओटीवी 15 अक्टूबर से कई फेक न्यूज कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहा है। लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि ओटीवी के पत्रकारों और अन्य लोगों ने उन्हें बदनाम करने, परेशान करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के इरादे से एक छेड़छाड़, गंदे वीडियो वायरल किए। ओटीवी जयंत पांडा और उनकी पत्नी जगी मंगत पांडा के स्वामित्व वाला चैनल है।
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