RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले, देश विरोधी ताकतें शांति भंग करने का प्रयास रही हैं
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक शैक्षणिक संस्थान में झंडा फहराया। इसके बाद मोहन भागवत ने संबोधन के दौरान तिरंगे के महत्व के बारे में बात की और भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लेने को कहा। मोहन भागवत ने तिरंगे को ऊर्जा और प्रेरणा का प्रतीक बताया। इसके अलावा मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें शांति भंग करने का प्रयास रही हैं जिससे पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है।
अपने देश में भी ऐसी शक्तियां हैं जो शांति भंग करना चाहती हैं- भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि 70 साल हो गए आजादी के, जिसके बाद हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन दुनिया में शांति हुई तो जिनके स्वार्थ की दुकान बंद होगी, ऐसे लोग प्रयास कर रहे हैं कि देश समृद्ध ना हो। इस प्रकार के प्रयास करने वाली शक्तियां दुनिया में हैं, अपने देश में भी ऐसी शक्तियां हैं।
स्वयंसेवकों को सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करने की सलाह दी
मोहन भागवत ने आरएसएस के स्वयंसेवकों को सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अखबार और पत्रिका की पहुंच सीमित है लेकिन स्मार्टफोन हर हाथ में पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि इस तरफ ध्यान देना होगा, सोशल मीडिया पर कई चीजे काफी प्रभाव छोड़ती हैं।
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'पत्रकार जब चाहें आकर संघ की कार्यपद्धति को देखकर समझ सकते हैं'
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि तेज पहुंच के कारण आम लोगों से इस माध्यम के जरिए जल्दी संवाद स्थापित होता है। राष्ट्रवाद और सामाजिक समरसता के विस्तार के लिए उन्होंने इसके इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपने कार्यों को यहां भी दिखाना होगा। बंद कमरों में मीटिंग की बाबत उन्होंने कहा कि आरएसएस की कार्यपद्धति ये नहीं है। पत्रकार जब चाहें आकर संघ की कार्यपद्धति को देखकर समझ सकते हैं।