धर्म संसद में मोहन भागवत बोले, 'हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाने की साजिश चल रही है'
प्रयागराज। विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय धर्म संसद प्रयागराज में चल रही है। धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भैयाजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले भी शामिल हुए हैं। धर्म संसद में सबरीमाला मंदिर पर अयोध्या जैसा आंदोलन चलाने का प्रस्ताव पास किया गया है। सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि, कोर्ट ने फैसला तो सुना दिया लेकिन इससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं एवं सम्मान आहत हुआ, इसका ख्याल नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म को ठेस पहुंचाने की साजिश चल रही है।
भागवत ने कहा कि, सबरीमाला में अगर महिलाएं दर्शन करना चाहती हैं तो जहां से सब करते हैं वहां से करवाया जाए। लेकिन महिलाओं को श्री लंका से लाया जा रहा है और पीछे के दरवाजा से जबरदस्ती भेजा जाता है। यह सरासर अन्याय है और केरल का हिंदू समुदाय प्रखर आंदोलन कर रहा है। हिंदू संगठनों ने आंदोलन नहीं छेड़ा है बल्कि समाज ने छेड़ा है। यहां कोई महिलाओं के साथ भेदभाव का मामला नहीं है। यह एक कपट युद्ध है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए वोटों की कटाई करने वाले लोग इसके पीछे हैं।
उन्होंने कहा, ये ऐसे संगठन हैं जो देश को तोड़ने की घोषणा कर रहे हैं, संविधान की अवहेलना कर एक संप्रदाय के प्रभुत्व की घोषणा कर रहे हैं। केरल का हिंदू समाज इसे लेकर प्रखर आंदोलन कर रहा है। 5 लोगों का बलिदान हुआ है। हिंदू समाज को ठेस पहुंचाने के लिए नई-नई योजनाएं बन रही हैं।'
भागवत यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि, कुछ लोगों का कहना है कि सरकार किसी की हो उनका कानून नहीं मानेंगे। टीवी के सामने खड़े होकर इंशाअल्लाह-इंशाअल्लाह करके संदेश देते हैं। ऐसे लोग महिलाओं के मन में भेदभाव की भावना बैठाने का प्रयास करते हैं। यह षड्यंत्र बहुत पुराना है, आजादी से पहले से चल रहा है। 2014 चुनाव के बाद उनको दूसरा झटका लगा है।
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