नेत्रहीन महिला की UPSC में सफलता से प्रेरित हुए मोहम्मद कैफ, बोले- सपनों का पीछा करना ना छोड़ें
नई दिल्ली। तमिलनाडु के मदुरै की रहने वाली पूर्णा सुंदरी देख नहीं सकतीं, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने इस साल अपने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के सपने को पूरा कर लिया है। उन्हें अपने चौथे प्रयास में इस वर्ष 286वीं रैंक मिली है। 25 साल की पूर्णा सुंदरी को लेकर भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भी एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि हमें अपने सपनों का पीछा करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। कैफ ने पूर्णा सुंदरी की ये प्रेरणादायक कहानी लोगों से साझा की है।
मोहम्मद कैफ ने क्या कहा?
मोहम्मद कैफ ने ट्वीट कर कहा है, तमिलनाडु की 25 वर्षीय नेत्रहीन महिला पूर्णा सुंदरी ने बाधाओं को हराकर यूपीएससी परीक्षा को पास कर लिया है। ऑडियो के रूप में अध्ययन सामग्री मिलना मुश्किल था, तो उनके माता-पिता और दोस्तों ने उन्हें पुस्तकों को पढ़ने और ऑडियो में परिवर्तित करने में मदद की ताकि वह एक आईएएस अधिकारी बन सकें। इसलिए कभी भी अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ना चाहिए। मोहम्मद कैफ के इस ट्वीट पर बहुत से लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
11वीं कक्षा में देखा था सपना
समाचार एजेंसी एएनआई से बाचतीच में पूर्णा सुंदरी ने कहा था, 'मेरे माता-पिता ने मेरा बहुत साथ दिया है। मैं अपनी सफलता का श्रेय उन्हें ही देती हूं। ये मेरा चौथा प्रयास था, मैंने इस परीक्षा को अपने पांच साल दिए हैं। 2018 में मुझे बैंक क्लर्क की नौकरी मिली थी। काम के दौरान सुबह और शाम को मैं पढ़ा करती थी। मेंस और इंटरव्यू के दौरान मैंने बैंक से छुट्टी ली और अपनी पढ़ाई पर फोकस किया।' वहीं इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पूर्णा सुंदरी ने कहा, 'जब मैं कक्षा 11वीं में पढ़ रही थी, तभी मैंने आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था। मैं शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सेवा करना चाहती हूं।'
माता-पिता ने दिन रात पढ़ीं किताबें
पूर्णा सुंदरी का कहना है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2019 केवल अपने माता-पिता के सहयोग से ही पास ही है। जो उनके लिए दिन रात किताबें पढ़ा करते थे। इस काम में दोस्तों ने भी पूर्णा सुंदरी की काफी मदद की है। जो उनकी मदद करने के लिए अध्ययन सामग्री ढूंढते थे और उसे ऑडियो फॉर्मेट में परिवर्तित करते थे। आपको बता दें सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा के लिए करीब 10 लाख लोग आवेदन करते हैं, जिनमें से एक हजार से भी कम का ही चयन होता है।
25yr old visually impaired Purana Sunthari from TN beat the odds and cracked the UPSC exam. Since audio study material was hard to find, her parents and friends helped her in reading & converting books to audio so she could become an IAS officer. Never stop chasing your dreams. pic.twitter.com/3icQ6nPJPo
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) August 12, 2020
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