Modi Wave: देश के हर कोने में बढ़ी है बीजेपी की पहुंच और क्षत-विक्षत पड़ा है विपक्ष
बंगलुरू। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी बंजर में भी फूल खिलाने का माद्दा रखती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि बीजेपी की अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को थामने में अभी तक पूरा विपक्ष नाकाम रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करिश्मा ही है कि बीजेपी प. बंगाल, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर जैसे इलाकों में भी झंडे गाड़ चुकी है और सिक्किम और तेलंगाना में भी राजनीतिक जमीन तैयार कर रही है।
मोदी और शाह के नेतृत्व में वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में धुंआधार जीत से देश में लंबे समय के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बीजेपी ने पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए 17वीं लोकसभा चुनाव में अकेले 303 जीतकर सत्ता में दोबारा वापसी कर सभी राजनीतिक पंड़ितों को चौंका ही दिया। लोकसभा चुनाव 2019 में पश्चिम बंगाल में बीजेपी कुल 18 लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही है जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी महज 2 सीटें ही जीत सकी है।
गौरतलब है अभी मौजूदा समय में बीजेपी 29 राज्यों में से 17 में बीजेपी और एनडीए की सरकारें सत्ता पर काबिज हैं। लोकसभा चुनाव 2014 की प्रचंड जीत के बाद शुरू हुआ यह सिलसिल अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रिकॉर्ड 25 सीट जीतकर जीत का आगाज किया और त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में बीजेपी का अभ्युदय कई मायनों ऐतिहासिक रहा।
27 वर्ष पुराने लेफ्ट को त्रिपुरा से उखाड़ फेंका
त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में बीजेपी की जीत इसलिए अधिक महत्वपूर्ण रही, क्योंकि दोनों राज्यों में लेफ्ट ने कई दशकों तक शासन किया था। त्रिपुरा में बीजेपी ने दो तिहाई बहुमत से अधिक सीटें जीतकर 27 वर्षों से वहां शासन कर रही लेफ्ट को उखाड़ कर फेंक दिया और पिछली लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के 42 लोकसभा सीट में से 18 सीट जीतकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की चूलें हिला दीं। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उड़ीसा में 8 सीटें जीतकर दर्शा दिया है कि उड़ीसा उसकी पहुंच से दूर नहीं रह गया है।
चुनावी अंकगणित के माहिर हैं मोदी-शाह की जोड़ी
बीजेपी का चुनावी अश्वमेघ यज्ञ अभी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके लिए बीजेपी चुनावी अंकगणित के लिए विभिन्न प्रदेशों के शीर्ष नेताओं को बीजेपी से जोड़ने में लगी हुई है। गोवा और कर्नाटक में बीजेपी के सत्ता में पहुंचने से भला कौन अंजान है। कर्नाटक चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन सत्ता तक पहुंचने के लिए उसके पास कुछ सीटें कम रह गईं थी और काफी ड्रामे के बाद बीजेपी कर्नाटक की सत्ता तक पहुंच ही गई।
सिक्किम प्रदेश में भी बीजेपी ने पसारे अपने पांव
बीजेपी ने सिक्किम में भी अपने पसारते हुए सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग की पार्टी के 13 में से 10 विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल कर लिया। तेलंगाना में भी बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 60 से अधिक तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राज्य और ज़िला स्तर के नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया है। यानी बीजेपी तेलंगाना में मजबूती से आगे बढ़ रही है।
तीन राज्यों में हुई हार भी बीजेपी को नहीं रोक पाई
पिछले वर्ष दिसंबर में तीन राज्यों के विधानसभा के परिणाम बीजेपी के पक्ष में नहीं गए, जिससे बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले तीन राज्य क्रमशः मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन बीजेपी ने तो जैसे थकना सीखा ही नहीं हो, उसने हार से सबक लेते हुए अपना पूरा फोकस लोकसभा चुनाव 2019 पर रखा और बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अकेले 303 सीट जीतकर बता दिया कि अमित-मोदी की जोड़ी का कोई सानी नहीं।
आगामी विधानसभा चुनाव में नहीं रुकेगा बीजेपी का अश्वमेध
वर्ष 2019 के अंत में कई राज्यों में विधानसभा होने जा रहे हैं। इनमे पश्चिम बंगाल, हरियाणा महराष्ट्र के चुनाव प्रमुख हैं, जिसके लिए बीजेपी ने अभी से कमर कसना शुरू कर दिया। हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार के रिपीट होने के पूरे आसार हैं और लोकसभा चुनाव में बंगाल में दूसरी नंबर पार्टी बनने वाली बीजेपी विधानसभा चुनाव में जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। संभावना है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में भी किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है।