पीएम नरेंद्र मोदी के लिए मुसीबत ना बन जाएं ये नए-नवेले मंत्री?
प्रधानमंत्री मोदी के लिए उन्हीं का एक मंत्री ने मुसीबत की वजह बन सकता है। अल्फोंस कन्ननथनम रविवार को पर्यटन मंत्री बने थे। तीन दिन में उन्होंने दो बयान दिए हैं, जिसको लेकर भाजपा को जवाब देना मुश्किल हो रहा है। जिस बीफ को लेकर पूरे देश में हंमागा हो चुका है, उसी को लेकर पर्यटन मंत्री ने कहा है कि केरल में लोग बीफ खाते रहेंगे और देश में कोई फूड इमरजेंसी नहीं है। बता दें, बीफ के मुद्दे पर कुछ मंत्रियों ने तो यहां तक कह दिया था कि जिन लोगों को बीफ खाना है वो देश छोड़कर चले जाए।
अल्फोंसन के बीफ बयान के बाद एक बार फिर से बीफ राष्ट्रीय विमर्श का मुद्दा बन गया है। इस मुद्दे पर कई नेता अपना अलग-अलग बयान दे चुके हैं।
एक टीवी चैनल से बात करते हुए कन्ननथनम ने कहा कि बीजेपी ने कभी भी बीफ खाने पर रोक नहीं लगाई नहीं है। गोवा का उदारहण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे गोवा में बीफ खाया जाता है, उसी तरह केरल में भी खाया जाएगा। पर्यटन मंत्री का कहना था कि अगर भाजपा शासित राज्य गोवा में लोग बीफ खा सकते हैं तो केरल में भी इसको लेकर कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
उनके बीफ के बयान का मुद्दा शांत हुआ ही नहीं था कि अल्फोंस ने दूसरा बयान देते हुए कहा कि ईसाई धर्म में भाजपा को लेकर दुष्प्रचार किया गया है, वो ईसाई समुदाय और भाजपा के बीच सेतु का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि, ईसाई धर्म ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी कुछ दिया है।
उन्होंने कहा कि साल 2014 में केरल में काफी दुष्प्रचार किया गया कि केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद ईसाइयों को जला दिया जाएगा, गिरिजाघरों को गिरा दिया जाएगा। लेकिन मोदी जी ने साफ किया है कि वो देश में सभी को सुरक्षा देंगे। '
जब उनसे पूछा गया, 'आपको मंत्री बनाकर भाजपा केरल में ईसाई समुदाय के बीच अपनी पहुंच बढ़ा रही है। क्या आप लगता है ऐसा है? इसके जवाब में पर्यटन मंत्री ने कहा, हां, ईसाई समुदाय भारत का अभिन्न अंग है। ईसाई भारत में काफी समय से रह रहे हैं, रोम के ईसाई देश बनने से पहले केरल में ईसाई धर्म था। ईसाई धर्म ने देश शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र काफी कुछ दिया है। मुझे लगता है कि किसी ईसाई को भी मोदी मंत्रीपद में होना चाहिए था।'
आगे उन्होंने कहा कि वो भाजपा और ईसाई समुदाय के बीच ब्रिज का काम कर सकते हैं। भारत के पीएम विकास की बात करते हैं, जिसमें सभी धर्मों के लोगों का विकास होना चाहिए। कन्ननथनम ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की।
अल्फोंसन को 'डिमोलिशन मैन' के नाम से भी जाना जाता है। डीडीए के कमीशनर रहते हुए बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया और 14,310 कैरकानूनी इमारतों को डिमोलिश करके दस हजार से ज्यादा जमीन को सरकार के हवाले कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा किए गए सर्वे में दिल्ली के 89.6 फीसदी लोगों ने इस फैसले को सही ठहराया था। साल 1994 में टाइम्स मैगजीन ने अल्फोंसन को 100 युवा वैश्विक हस्तियों में जगह दी थी।