दिसंबर में पीएम मोदी जा सकते हैं नेपाल, हिंदुत्व के एजेंडे पर रहेगा जोर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष के अंत में पांचवीं बार अपने उत्तरी पड़ोसी देश नेपाल दौरे पर जा सकते हैं। पीएम मोदी दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहली सीमा पार रेल लिंक का उद्घाटन करने के लिए नेपाल जाएंगे और भगवान राम की पत्नी सीता को समर्पित मंदिर में एक प्रमुख हिंदू त्योहार में भी भाग लेंगे। पीएम मोदी की यह नेपाल यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत के प्रति नेपाल के आत्मविश्वास को वापस हासिल करने और रणनीतिक उद्देश्यों के साथ हिंदुत्व एजेंडो को शामिल करने के लिहाज से देखा जा रहा है।
पड़ोसी देश नेपाल की लगातार चीन के साथ नजदिकियां बढ़ती जा रही है। वहीं, केपी ओली की नई सरकार बनने के बाद तो कम्युनिस्ट राष्ट्र चीन और ज्यादा नेपाल के नजदीक आने की कोशिशों में लगा हुआ है, जो भारत के लिहाज से बिल्कुल भी अच्छे संकेत नहीं है। पीएम मोदी अपने इस दौरे में नेपाल के साथ के विवादों को खत्म कर फिर से नए और मजबूत संबंध स्थापित करने की कोशिश रहेगी। नेपाल के नए संविधान के मुद्दों पर कथित रूप से भारत की दखलअंदाजी और 2015 में हुई आर्थिक नाकाबंदी से नई दिल्ली और काठमांडु के रिश्तों में बर्फ काफी खटास देखने को मिली थी।
भारत ने नेपाल को तिब्बत से जोड़ने के चीन के कदम का मुकाबला करने की अगली योजना बनाई है। नेपाल में बिहार के जैनगर और जनकपुर के बीच व्यापक रेलवे लाइन पूरा होने के अंतिम चरण में है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके नेपाली समकक्ष प्रदीप कुमार ग्यावली के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान मोदी की अगली नेपाल यात्रा और द्विपक्षीय परियोजनाओं के बारे में चर्चा की गई।
वहीं, हिंदुत्व के मोर्चे पर पीएम मोदी 12 दिसंबर को राम-जानकी बिभावा पंचमी में भाग लेने के लिए जनकपुर में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकते हैं। वहीं, पीएम भारत से जनकपुर तक एक 'बारत' (शादी जुलूस) का नेतृत्व कर सकते है, जहां जानकी का मंदिर स्थित है और इसे सीता का निवास माना जाता है। उनके साथ भारतीय अधिकारियों और बीजेपी नेताओं को भी देखा जा सकता है।
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