केंद्रीय मंत्री ने कॉलेजियम सिस्टम को लोकतंत्र पर धब्बा बताया
नई दिल्ली। मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र सिंह कुशवाहा एक बार फिर से अपने विवादित बयान की वजह से चर्चा में हैं। उन्होंने जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम को लोकतंत्र के लिए धब्बा बताया है। केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को पटना में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कहा कि कॉलेजियम प्रणाली योग्यता को अनदेखा करता है और यह लोकतंत्र पर एक धब्बा है।
कुशवाहा ने कहा कि लोग आरक्षण का विरोध करते हैं, कहते हैं कि यह योग्यता को अनदेखा करता है। जब एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकतात है, एक मछुआरा वैज्ञानिक बन सकता और बाद में देश का राष्ट्रपति बन सकता है तो क्या नौकरानी का बेटा न्यायाधीश नहीं बन सकता है, उन्होंने इस प्रणाली को लोकतंत्र के नाम पर एक धब्बा बताया है। कुशवाहा ने कहा कि मौजूदा समय में न्यायपालिका के में जजों की नियुक्ति नहीं हो रही है, बल्कि उत्तराधिकारियों की नियुक्ती हो रही है।
गौर करने वाली बात है कि उपेंद्र सिंह कुशवाहा पहली बार अपने बयान को लेकर विवादों में नहीं हैं, बल्कि इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम व्यवस्था पूर्ण व्यवस्था नहीं है, यह लोगों को बराबर का अवसर नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि हम सबके लिए बराबर के अवसर की बात कर रहे हैं, लेकिन आज की मौजूदा व्यवस्था लोगों को यह मौका नहीं दे रही है। कुशवाहा ने कहा कि न्याय होना ही जरूरी नहीं है बल्कि न्याय हो रहा है इसका दिखना भी जरूरी है, जिससे लोगों को भरोसा बढ़ेगा।
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