2014 के मुकाबले मोदी जैकेट की बिक्री में आई भारी गिरावट
नई दिल्ली। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लोगों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता थी। उनके चुनावी भाषण में काफी बड़ी संख्या में लोग जुटते थे। नरेंद्र मोदी का तकरीबन हर अंदाज लोगों में लोकप्रिय था। नरेंद्र मोदी ने उस दौरान चाय पर चर्चा की शुरुआत की थी जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थी। ना सिर्फ नरेंद्र मोदी की भाषण शैली बल्कि उनकी वेशभूषा भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थी। नरेंद्र मोदी की जैकेट जिसे मोदी जैकेट के नाम से जाना जाता है वह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुई थी। बड़ी संख्या में लोग मोदी जैकेट को खरीदते थे। लेकिन 2014 की तुलना मौजूदा समय से करें तो मोदी जैकेट की लोकप्रियता में गिरावट देखने को मिली है।
औरंगाबाद में गिरी बिक्री
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में मंगलवार को मोदी जैकेट की मांग में गिरावट देखने को मिली है। यहां मोदी जैकेट की थोक मांग में गिरावट देखने को मिली है। बता दें कि बिना बाजू वाली हाथ जैकेट जिसे अक्सर पीएम मोदी पहनते हैं, उसे मोदी जैकेट के नाम से जाना जाता है। खुद प्रधानमंत्री मोदी अक्सर इस जैकेट को पहनते हैं। स्थानीय व्यापारी ने बताया कि एक समय था जब हर दिन 35 जैकेट बिक जाया करती थी, लेकिन अब हफ्ते में सिर्फ एक जैकेट ही बिक पाती है।
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कई व्यापारियों ने बयां किया दर्द
एक और व्यापारी गुरविंदर सिंह ने बताया कि जीएसटी नोटबंदी, सूखाग्रस्त इलाकों में लोगों को हुई दिक्कतों की वजह से जैकेट की बिक्री में गिरावट हुई है। ना सिर्फ मोदी जैकेट बल्कि अन्य कपड़ों की बिक्री में भी गिरावट दर्ज की गई है। गुलमंडी, तिलक पथ, औरंगपुरा, ओस्मापुरा, सिडको इलाके में भी व्यापारियों ने इसी तरह की चिंता जाहिर की है।
लोग गर्मी के कपड़े सिलवा रहे
कपड़ा व्यापारी राजेंद्र बवसर जोकि ना सिर्फ मोदी जैकेट बल्कि अन्य पारंपरिक कपड़ों की भी थोक बिक्री करते हैं, उनका कहना है कि पिछले एक साल में उनकी दुकान से मुश्किल से 10 मोदी जैकेट ही बिकी हैं। उनका कहना है कि मेरी सबसे बड़ी दिक्कत है कि मैंने इसमे निवेश काफी अधिक किया है और अब इसमे कोई मुनाफा नहीं हो रहा है। स्थानीय टेलर दिलीप लोखंडे का कहना है कि गर्मियां आने वाली हैं, लोग खादी, लिनेन, सूती कपड़े अधिक खरीद रहे हैं। कोई भी मोदी जैकेट सिलवाने हमारे पास नहीं आता है।
200-300 रुपए में सिलती है मोदी जैकेट
लोखंडे का कहना है कि जो कारीगर मोदी जैकेट बनाते थे वो अब अन्य कपड़ों को बनाने पर ध्यान दे रहे हैं और उसे बनाना सीख रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम 200-300 रुपए इस जैकेट की सिलाई के लिए लेते थे। लेकिन अब हमारे कारीगर अन्य पारंपरिक कपड़े बनाकर अधिक पैसे कमा रहे हैं, लिहाजा हम भी इससे मुश्किल का सामना कर रहे हैं।
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