EEF में चीफ गेस्ट बनकर रूस पहुंचे पीएम मोदी, लंबे समय के बड़े निवेशों पर रहेगा भारत का जोर
नई दिल्ली- EEF में चीफ गेस्ट बनकर रूस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जहाज पर सवार होकर ज्वेज्दा की यात्रा की है। यह जगह रूस के जहाज निर्माण कॉम्पलेक्स के लिए जाना जाता है। इस बीच भारत ने 5वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) की बैठक के लिए अपना एक खास पवेलियन भी बनाया है, जिसे इंडिया लाउंज का नाम दिया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी को ये बुलावा खुद मेजबान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया है और इस बैठक में पीएम मोदी केअलावा एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के तमाम बड़े देशों के नेता भी शामिल हो रहे हैं। 4 से 6 सितंबर के बीच होने वाले इस सम्मेलन में एशिया-पैसिफिक क्षेत्र और रूस के सुदूर पुर्वी अर्थव्यस्था के विकास को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होने वाली है, जिसमें शायद रूस ने भारत के भी महत्वपूर्ण रोल रहने की संभावना समझी है।
जहाज पर दोनों नेताओं ने बिताए खास पल
प्रधानमंत्री मोदी 5वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) की बैठक में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हो रहे हैं। इस महत्वपूर्ण बैठक के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ रूस पहुंचने के बाद जहाज पर सवार होकर ज्वेज्दा की यात्रा की है। यह जगह रूस के जहाज निर्माण कॉम्पलेक्स के लिए जाना जाता है। इस दौरान दोनों नेता जिस तरह से आपस में बात करते देखे गए उसे विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के मजबूत होते रिश्ते की बानगी बताया है। जवेज्दा की यात्रा पीएम मोदी के दो दिवसीय रूस यात्रा का पहला पड़ाव है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी को ईईएफ में चीफ गेस्ट के तौर पर बुलावा मेजबान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया है। इस बैठक में पीएम मोदी केअलावा एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के तमाम बड़े देशों के नेता भी पहुंच रहे हैं। हाल के वक्त में पीएम नरेंद्र मोदी को कई ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बुलाया गया है, जिसका भारत औपचारिक सदस्य नहीं है।
ईईएफ में भारत ने बनाया अपना पवेलियन
5वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) की बैठक के लिए भारत ने अपना पवेलियन तैयार किया है, जिसे इंडिया लाउंज का नाम दिया गया है। ये सम्मलेन रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया जा रहा है जहां इंडिया लाउंज बनाने में रोसकॉन्ग्रेस फाउंडेशन ने भारत की सहायता की है। इस बैठक में चीफ गेस्ट के तौर पर पीएम मोदी की ओर से भारत में लंबे समय के लिए बड़े निवेशों पर जोर देने की संभावना है। इस लाउंज से रूस समेत बाकी देशों को भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए जानकारियां हासिल करने का एक प्लेटफॉर्म मिल सकेगा। बता दें कि 5वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) के तीन दिवसीय सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीफ गेस्ट के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे, मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद और मंगोलिया के राष्ट्रपति कल्टामागिन बत्तूलगा समेत कई और देशों प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। इनमें चीन, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया का मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल है। इनके अलावा कई देशों के व्यापारिक, बैंक और अलग-अलग चैंबर्स के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। इस सम्मेलन में कुछ खास देशों के एंटरप्रेन्योर्स के साथ व्यापारिक स्तर की बातचीत भी की जाएगी, जिनमें भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आसियान और यूरोप के देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जी-7 शिखर सम्मेलन में भी पीएम मोदी को विशेष बुलावा
पिछले महीने ही फ्रांस के बायरिट्ज में आयोजित 45वें जी-7 शिखर सम्मेलन में समूह का हिस्सा नहीं होने के बावजूद भारत को खास तौर पर आमंत्रित किया गया था। यहां भी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के विशेष बुलावे पर पीएम मोदी सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। यह विश्व स्तर पर भारत की बढ़ती ताकत का संकेत है। इमैनुअल मैक्रों ने इस बार जी-7 देशों के समूह के सम्मेलन के लिए सदस्य देशों के अलावा दुनिया के कुछ खास देशों को भी बुलाया था, जिसमें भारत का नाम पहले स्थान पर था। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, सेनेगल और रवांडा जैसे देश भी उसकी सूची में शामिल थे। ये सभी देश विश्वस्तर की राजनीति में खास अहमियत रखते हैं। बता दें कि जी-7 दुनिया के सात विकसित देशों का एक समूह है। इसमें फ्रांस, इटली कनाडा, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। इन 7 देशों का दुनिया की जीडीपी के 40 फीसदी हिस्से पर कब्जा है।
संयुक्त अरब अमीरात का सबसे बड़ा सम्मान
गौरतलब है कि हाल ही में को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जायद' से सम्मानित किया है। अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद की ओर से पीएम मोदी को इस सम्मान से नवाज गया है। यूएई की ओर से पीएम मोदी को जो सम्मान दिया गया है, वह अबतक उन अंतरराष्ट्रीय नेताओं को दिया गया है, जिन्होंने उसके साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम किया है। क्राउन प्रिंस जायद जो यूएई की सेनाओं के डिप्टी कमांडर भी हैं, उन्होंने बताया कि, 'भारत के साथ हमारे विस्तृत रणनीतिक संबंध हैं, जिनमें मेरे प्यारे दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खासा योगदान है जिन्होंने इन संबंधों को नई दिशा दी है। उनकी कोशिशों की सराहना करते हुए यूएई के प्रेसिडेंट उन्हें जायद मेडल देते हैं।'
बहरीन के सर्वोच्च सम्मान से भी नवाजे गए मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहरीन में द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसा के सम्मान से नवाजा गया है। इस सम्मान को पाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टमैं इस सम्मान को पाने के बाद बहुत सम्मानित और भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। इसके साथ ही प्रिंस सलमान की दोस्ती को भी पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं, यह मेरे देश के लिए भी गर्व की बात है। मैं बेहद शालीनता से 1.3 अरब भारतीयों की ओर से इस सम्मान को स्वीकार करता हूं।ट पीएम मोदी ने कहा कि यह पूरे भारत के लिए गर्व की बात है, यह भारत और बहरीन के बीच गहरी दोस्ती का प्रतीक है।
मुस्लिम देशों से भी विशेष आमंत्रण
इसी साल जब बालाकोट एयरस्ट्राइक को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा था, तब यूएई ने अबू धाबी में आयोजित हो रहे इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) में भारत को विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में बुलाने के लिए वीटो लगा दिया था। तब पाकिस्तान के साफ मना करने के बावजूद तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वहां पहुंचीं और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की गैर-मौजूदगी में ओआईसी के सदस्यों को संबोधित किया। गौरतलब है कि ओआईसी बहरीन, पाकिस्तान, यूएई, सऊदी अरब समेत 47 मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अलग-अलग देशों के सरकारों का संगठन है। लेकिन, दुनिया की तीसरी बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत न तो इसका सदस्य है और न ही ऑब्जर्वर।
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