लद्दाख: पीएम मोदी पहुंचे लेह के जनरल अस्पताल, गलवान घाटी हिंसा में घायल सैनिकों का लिया हालचाल
नई दिल्ली। चीन के साथ जारी टकराव के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लद्दाख पहुंचे हैं। यहां पहुंचने का उनका कोई तय प्रोग्राम नहीं था और उनके इस तरह से लेह पहुंचने पर हर कोई हैरान है। नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने पीएम मोदी को एलएसी के हालातों की जानकारी दी। पीएम मोदी लेह स्थित जनरल हॉस्पिटल भी पहुंचे हैं और यहां पर उन्होंने उन सैनिकों से मुलाकात की है जो 15 जून को गलवान में हुई हिंसा में घायल हो गए थे। इससे पहले खबरें आई थीं कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख का दौरा कर सकते हैं मगर गुरुवार को उनका दौरा कैंसिल होने की जानकारी दी गई।
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210 बेड वाला 153 जनरल हॉस्पिटल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह स्थित 153 जनरल हॉस्पिटल में सैनिकों का हालचाल ले रहे हैं। यह 210 बेड वाला मिलिट्री हॉस्पिटल है जहां पर सैनिकों के इलाज के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। 14 कोर के सैनिकों के अलावा यहां पर एयरफोर्स, अर्धसैनिक बलों, सेना के वेटरन और उनके परिवारों के इलाज की सुविधा है। साथ ही यहां पर लद्दाख के गरीब लोगों का इलाज भी किया जाता है। साल 2016 में यहां पर एक एमआरआई सेंटर को भी शुरू किया गया है जिसकी लागत करीब नौ करोड़ रुपए थी।
11,000 फीट पर सैनिकों के साथ मीटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी मौजूद हैं और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी साथ में हैं। । पीएम मोदी ने सेना, वायुसेना और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के सैनिकों के साथ 11,000 फीट की ऊंचाई पर फॉरवर्ड पोस्ट वाले इलाके नीमू में में मुलाकात की। पीएम मोदी ने जवानों को हौंसला भी बढ़ाया। पीएम मोदी ने सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का जायजा भी लिया। 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी इस दौरान मौजूद रहे। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह लगातार पीएलए के कमांडर के साथ टकराव को टालने के लिए लगातार मुलाकात कर रहे हैं। दोनों देशों के कमांडर के बीच 30 जून को एक और मीटिंग हुई थी।
45 साल बाद LAC पर शहीद हुए सैनिक
भारत और चीन के बीच 15 जून को जो हिंसा हुई ऐसी घटना एलएसी पर 45 साल बाद देखने को मिली। इस घटना में 50 से ज्यादा सैनिक घायल हो गए थे और 20 सैनिक शहीद हो गए थे। शहीद सैनिकों में 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू भी थे। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने कुछ सैनिकों को चीन ने बंदी बना लिया था। इन सैनिकों को चीन ने 18 जून को रिहा किया था। सेना सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया था कि कोई भी सैनिक गायब नहीं है। जिन सैनिकों को चीन ने रिहा किया है उसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और तीन मेजर रैंक के ऑफिसर भी शामिल हैं। सूत्रों के हवाले से बताया है कि किसी भी सैनिक को चीन ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।
153 जनरल हॉस्पिटल में थे जवान
गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद करीब 230 किलोमीटर दूर लेह से सेना ने बड़े स्तर पर जवानों के मूवमेंट का ऑर्डर जारी किया। एलएसी पर चीनी जवानों की भारी संख्या को देखते हुए इंडियन आर्मी ने भी तैनाती बढ़ा दी है। जो सैनिक घायल थे अब उन्होंने भी ड्यूटी ज्वॉइन कर ली है। घायल सैनिकों का इलाज लेह स्थित 153 जनरल हॉस्पिटल में चल रहा था। इसके अलावा कुछ घायल जवान फील्ड हॉस्पिटल में भी भर्ती थे। पिछले दिनों बिहार रेजीमेंट को नया कमांडिंग ऑफिसर मिल गया है। रेजीमेंट के नए सीओ ने ज्वॉइन कर लिया है और अब वह हालातों पर नजर रख रहे हैं।
डिएस्कलेशन पर राजी देश
30 जून को दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच मीटिंग हुई थी और 14 घंटे तक चली थी। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही देशों की सेनाएं किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। सेना सूत्रों ने जानकारी दी है कि मिलिट्री कमांडर स्तर की तीसरी मीटिंग के दौरान एलएसी पर स्थित टकराव वाली जगहों पर डिइसएंगेजमेंट और बॉर्डर इलाकों पर डिएस्कलेशन की प्रक्रिया पर चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो भारत और चीन दोनों ही देशों की तरफ से एक विस्तृत, चरणबद्ध तरीके से डिएस्कलेशन पर जोर दिया गया है।