बॉर्डर पर टकराव के बीच केंद्र सरकार ने लिया चीनी बैंक से 9000 करोड़ रुपए का कर्ज!
नई
दिल्ली।
भारत
और
चीन
के
बीच
पूर्वी
लद्दाख
में
लाइन
ऑफ
एक्चुअल
कंट्रोल
(एलएसी)
पर
तनाव
जारी
है।
इसी
तनाव
के
बीच
केंद्र
सरकार
की
तरफ
से
सदन
को
जानकारी
दी
गई
है
कि
उसने
चीन
के
मालिकाना
हक
वाले
बैंक
से
दो
लोन
लिए
हैं।
ये
लोन
9000
करोड़
रुपए
से
ज्यादा
के
हैं
और
सरकार
ने
बीजिंग
स्थित
एशियन
इंफ्रास्ट्रक्चर
इनवेस्टमेंट
बैंक
(एआईआईबी)
से
यह
कर्ज
लिया
है।
बुधवार
को
वित्त
राज्य
मंत्री
अनुराग
ठाकुर
की
तरफ
से
सदन
को
बताया
गया
है
कि
कोरोना
वायरस
महामारी
से
जूझने
के
लिए
सरकार
ने
यह
कर्ज
चीन
से
लिया
है।
यह भी पढ़ें-लद्दाख में जवानों को मिले खास कपड़े, -50 डिग्री में भी रहेंगे सुरक्षित
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लोकसभा में साझा की जानकारी
अनुराग ठाकुर ने सदन को उस समय यह जानकारी दी जब बीजेपी के सांसदों, सुशील कुमार सिंह और पीपी चौधरी की तरफ से लोकसभा में सरकार से पूछा गया था कि केंद्र ने फंड का प्रयोग कैसे किया और क्या इन फंड्स को राज्यों को भी ट्रांसफर किया गया था? केंद्र सरकार की तरफ से इस जानकारी को ऐसे समय में साझा किया गया है जब लद्दाख में चीन बॉर्डर पिछले चार माह से टकराव जारी है। इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से एआईआईबी को भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह एक इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो करीब 111 लाख करोड़ का है। सरकार इस प्रोजेक्ट को कोरोना वायरस महामारी से हुए नुकसान से उबरने के लिए तेजी से आगे बढ़ा रही है। सरकार का मकसद प्रोजेक्ट के जरिए सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकना है।
साल 2016 में शुरू हुआ AIIB
भारत, एआईआईबी बैंक का संस्थापक सदस्य है और इसमें उसके 7.65 प्रतिशत शेयर हैं। जबकि चीन की हिस्सेदारी इसमें 26.63 प्रतिशत है और ऐसे में उस पर ही इसका मालिकाना हक है। यह एक संगठन है जिसकी शुरुआत साल 2016 में की गई थी। अनुराग ठाकुर ने लोकसभा को बताया है कि पहला लोन एग्रीमेंट एआईआईबी के साथ आठ माई को साइन हुआ था। जबकि दूसरा एग्रीमेंट 19 जून को साइन किया गया था। यानी गलवान घाटी हिंसा के चार दिन बाद। 15 जून को गलवान घाटी हिंसा में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद सरकार की तरफ से 59 चीनी एप्स को बैन करने का फैसला किया गया था।
पहला कर्ज समझौता 3,676 करोड़ रुपए का
अनुराग ठाकुर ने संसद में कहा, 'केंद्र सरकार ने एशियन इनफ्रांस्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक के साथ कोविड-19 संकट राहत सुविधा के तहत दो कर्ज समझौतों पर साइन किया हुआ है।' उन्होंने आगे कहा, 'पहला लोन समझौता जो करीब 3,676 करोड़ रुपए का था, 8 मई 2020 को साइन हुआ था। इसके तहत भारत के कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य तंत्र की तैयारियों से जुड़े प्रोजेक्ट को मदद की गई थी ताकि कोविड-19 महामारी से पैदा खतरों से निबटा जा सके और देश के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत किया जा सके।' उन्होंने बताया कि एआईआईबी ने अब तक करीब 1,847 करोड़ रुपए अब तक इस कर्ज के तहत रिलीज कर दिए हैं।
दूसरे समझौते से मिले 5,514 करोड़ रुपए
ठाकुर ने आगे बताया, 'दूसरा लोन समझौता जो करीब 5,514 करोड़ का था, 19 जून 2020 को साइन हुआ था। इस समझौते के तहत भारत सरकार के कोविड-19 से खास बचाव प्रोग्राम को तेजी दी गई। साथ ही उन उपायों को मदद मिली जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत अपनाए गए थे, इसके फायदों को सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया था।' सरकार के इस रहस्योघाटन के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने चीन के साथ तनाव के बीच चीन के बैंक से विशाल कर्ज लेने पर सरकार से नाराजगी जताई थी।