चीन, पाकिस्तान पर नजर रखने के लिए इजरायल से खरीदा जाएगा यह 'जासूसी' हथियार
नई दिल्ली। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच ही मोदी सरकार ने इजरायल से एक ऐसा हथियार खरीदने का फैसला किया है जो सेनाओं की ताकत में दोगुना इजाफा करने वाले हैं। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो केंद्र सरकार ने दो फाल्कन एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम यानी अवाक्स को खरीदने का फैसला किया है। सरकार ने इसकी खरीद को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। अवाक्स सिस्टम की मांग तब से ही की जा रही है जब 26 फरवरी 2019 को हुई बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद अगले दिन यानी 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान एयरफोर्स के साथ संघर्ष हुआ था।
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रूस से खरीदा जाएगा एयरक्राफ्ट
भारत के पास अभी तीन फाल्कन अवाक्स हैं। वहीं दो अवाक्स ऐसे हैं जिन्हें डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की तरफ से तैयार किया गया है। चीन के पास 28 तो पाकिस्तान के पास सात अवाक्स हैं जो किसी भी बुरी स्थिति के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं। सरकार की तरफ से इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई है कि कौन सी खरीद प्रक्रिया के तहत इन अवॉक्स को इजरायल से लिया जाने वाला है। पिछले हफ्ते ही सरकार की तरफ से इसे मंजूरी मिली है और अब कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीएस) के पास प्रस्ताव पेश किया गया है। यह दूसरा मौका है जब प्रस्ताव सीसीएस के पास गया है। पिछली बार सीसीएस की तरफ से प्रस्ताव को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल के पास वापस भेज दिया गया था। उनसे इसे प्रस्ताव में कुछ बातों को स्पष्ट करने के लिए कहा गया था। फाल्कन रडार सिस्टम करीब एक बिलियन डॉलर का होगा। जबकि अतिरिक्त एक बिलियन डॉलर रूस के ए-50 एयरक्राफ्ट को खरीदने के लिए तय किए गए हैं।
चीन पर नजर रखने के लिए जरूरी
रडार और प्लेटफॉर्म को इजरायल में इंटीग्रेट किया जाएगा। इसमें करीब दो से तीन वर्ष का समय लग सकता है और उसके बाद ही भारत को यह सिस्टम डिलीवरी हो सकेगा। 27 फरवरी 2019 को जब पाकिस्तान एयरफोर्स के फाइटर जेट जम्मू कश्मीर में दाख्रिल हुए थे तो उस समय पाकिस्तान की तरफ से स्वीडन के दो अवाक्स सिस्टम को लॉन्च किया गया था। आसमान में अवाक्स ने हर पल इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के जेट्स पर नजर बनाए हुए थे। इस वर्ष मई में जब पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने घुसपैठ की और एकपक्षीय आक्रामकता को आगे बढ़ाया उसके बाद से ही अवाक्स की जरूरत महसूस होने लगी है। अवाक्स की खरीद के अलावा सेना 200 ड्रोन को भी खरीदने जा रही है। बटालियन कमांडर्स के लिए ड्रोन मुश्किल हालातों से निबटने में मदद करेंगे। इन ड्रोन को डीआरडीओ के साथ मिलकर इजरायल की कंपनी ने तैयार किया है। फिलहाल इनका ट्रायल जारी है।