मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान ने बदल दिए हमारे लेनदेन के तरीके
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार के डिजिटल इंडिया ने देश में वित्तीय लेनदेन के तरीकों में काफी बदलाव किया है। इसके शुरू होने से देश में नकदी के लेनदेन में काफी गिरावट हुई है। वहीं भुगतान के नए तरीकों की एक विस्तृत श्रृंखला को खोला है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाया है। उनके द्वारा शुरू किए गए स्टार्ट-अप इंडिया प्रोग्राम और नोटबंदी ने वास्तव में भारत में डिजिटल लेनदेन के उपयोग को प्रेरित किया है।
नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए, सरकार ने डिजिटल लेनदेन पर विभिन्न छूटें और मुफ्त योजना शुरू की हैं। ई-भुगतान ना केवल वित्तीय लेनदेन को आसान बनाता है, बल्कि यह सरकार को पैसे की मूवमेंट की रैक रखने में भी मदद करता है। इससे बदले में कर चोरी भी कम हो जाती है और सरकार के राजस्व में वृद्धि होती है। चूंकि वित्त मंत्री कहते रहे हैं कि डिजिटल लेनदेन एक निशान छोड़ता है, यह टैक्स ब्रैकेट में अधिक से अधिक लोगों को लाता है। सरकार के डिजिटल पुश से टैक्स के कलेक्शन में बढ़ोत्तरी देखने को मिला है।
इसके अलावा सरकार के इस कदम का एक अन्य लाभ यह है कि लोगों को अब नकदी, प्लास्टिक कार्ड साथ रखने की जरूरत नहीं है, या यहां तक कि एटीएम से पैसे निकलाने के लिए कतार में भी खड़ा नहीं होना पड़ता है। हाल के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार द्वारा ई-भुगतान को बढ़ावा देने के बाद ई-भुगतान में भारत की समग्र रैंकिंग 2011 में 36 वें से बढ़कर 2018 में 28 वें स्थान पर पहुंच गई है। लेकिन इसे देश में बढ़ावा देने के लिए डिजिटल आधारभूत संरचना पहुंच और सामाजिक-आर्थिक कारकों पर और अधिक काम करने की जरूरत है।
भुगतान कंपनी वीजा द्वारा संचालित द इकॉनोमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के सर्वेक्षण में कहा गया है कि, सरकार देश में ई-भुगतान क्षमताओं को आगे बढ़ाने में तेजी से कदम उठा रही है। भारत नागरिक-से-सरकार (सी 2 जी), व्यापार-से-सरकार (बी 2 जी) और सरकार-से-बिजनेस (जी 2 बी) लेनदेन के मामले में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों में से एक है। मोदी सरकार के तहत मोबाइल टैरिफ के दामों में भी की आई है। उपभोक्ता स्पष्ट विजेता रहे हैं, क्योंकि डेटा भेजने और प्राप्त करने की लागत कम हो गई है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत के मुताबिक, डेटा कीमतों में गिरावट से पिछले साल एक महीने में 1.5 अरब गीगाबाइट तक डेटा ट्रैफिक बढ़ गया है। जुलाई, 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया गया। जिसके लिए सरकार ने 1,13,000 करोड़ का बजट रखा है। इस कार्यक्रम के तहत 2.5 लाख पंचायतों समेत छ: लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य है और सरकार की योजना 2017 तक यह लक्ष्य पाने की है। अब तक इस योजना के तहत 55 हजार पंचायतें जोड़ी गई हैं। इन पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने पर 70 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव है। इसके साथ ही 1.7 लाख आईटी पेशेवर तैयार करना भी लक्ष्य है। इसके लिए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक स्किल डेवलपमेंट योजना की शुरुआत की है जो कि देश के लोगों को सरकार से सीधे जुड़ने में मददगार हो।