भारत खरीद रहा है दुनिया के सबसे आधुनिक नेवी चॉपर, मोदी सरकार अमेरिका से कर सकती है डील
नई दिल्ली। सत्ता में वापसी करने वाली नई मोदी सरकार अपना पहला बड़ा रक्षा सौदा अमेरिका के साथ करने वाली है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार दो अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर इसका खुलसा करते हुए कहा कि, भारत साल के अंत से पहले नेवी हेलीकॉप्टरों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 17,500 करोड़ रुपये के सौदे को अंजाम दे सकता है। भारत नौसेना की पनडुब्बी रोधी / सतह-रोधी और निगरानी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 24 लॉकहीड मार्टिन-सिकोरस्की MH-60R हेलीकॉप्टर खरीद रहा है। ये हेलीकॉप्टर सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों में भारतीय नौसेना की क्षमता बढ़ाएंगे।
24 एमएच-60आर बहु उपयोगी हेलीकॉप्टरों की बिक्री को मंजूरी
मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (MRH) की खरीदारी अमेरिकी सरकार के विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) कार्यक्रम के तहत की जा रही है। जिसके अंतर्गत इसे गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (सरकार-से-सरकार) बेचा जाएगा। नौसेना की महत्वपूर्ण परिचालन आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एमआरएच को सी किंग 42/42ए के स्थान पर खरीदा जाएगा। सी किंग लगभग दो दशक पहले सेवा से बाहर हो चुके हैं। एमएच 60आर सी हॉक हेलीकॉप्टर भारत के पुराने हो चुके ब्रिटेन निर्मित सी किंग हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे। अप्रैल में ट्रंप प्रशासन ने 24 एमएच-60आर बहु उपयोगी हेलीकॉप्टरों की बिक्री को मंजूरी दे दी थी।
18 महीने बाद इस चॉपर की डिलीवरी शुरू
सैन्य अधिकारी ने बताया कि, 'हमें उम्मीद है कि भारत अमेरिका के बीच अक्तूबर-नवंबर तक यह सौदा पूरा कर लिया जाएगा। संभावना है कि सौदे पर हस्ताक्षर होने के 18 महीने बाद इस चॉपर की डिलीवरी शुरू हो जाएगी और 2022 तक सभी एमएच-60आरएस भारत को मिल जाएंगे। ये अत्याधुनिक चॉपर जीएम -114 हेलफायर मिसाइल, एमके 54 टॉरपीडो और उन्नत सटीक मारक हथियार प्रणाली रॉकेटों से लैस हो सकते हैं। नौसेना फ्रांस के डिजाइन किए गए चेतक हेलीकॉप्टरों के अपने पुराने बेड़े को बदलने के लिए रणनीतिक भागीदारी (एसपी) मॉडल के तहत भारत में 111 नौसैनिक उपयोगिता हेलीकॉप्टरों (एनयूएच) के निर्माण की योजना बना रही है।
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ये हैं इस चॉपर की खास खूबियां
ये हेलीकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों को सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे। ये हेलीकॉप्टर फ्रिगेट, विध्वंसक पोतों, क्रूजर और विमान वाहक पोतों से संचालित किए जा सकते हैं। इन हेलीकॉप्टरों को दुनिया के सबसे अत्याधुनिक समुद्री हेलीकॉप्टर माना जाता है। ये हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार हिंद महासागर में चीन के आक्रामक व्यवहार के मद्देनजर भारत के लिए ये हेलीकॉप्टर आवश्यक हैं। ये हेलीकॉप्टर इस समय अमेरिकी नौसेना में तैनात हैं। बता दें कि, अमेरिकी फर्म लॉकहीड मार्टिन, यूरोपीय एयरबस हेलीकॉप्टर और रूसी हेलीकॉप्टर इस 21,738 करोड़ की परियोजना पर नजर गड़ाए हुए हैं, जिसमें भारतीय फर्मों की साझेदारी में स्थानीय स्तर पर हेलीकॉप्टरों का निर्माण शामिल है।