त्रिपुरा में ‘मोदी सरकार’ बनाम मानिक सरकार
त्रिपुरा में संघर्ष की लकीरें साफ़ खिंचीं हुईं हैं. इस बार संघर्ष काफी कड़ा है और दो तरफ़ा है. अमूमन पिछले पांच विधानसभा के चुनावों में संघर्ष वाम गठबंधन और कांग्रेस के बीच ही रहा था.
मगर इस बार वाम दलों के गठबंधन को एक नए राजनीतिक प्रतिद्वंदी यानी भारतीय जनता पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है
त्रिपुरा में संघर्ष की लकीरें साफ़ खिंचीं हुईं हैं. इस बार संघर्ष काफी कड़ा है और दो तरफ़ा है. अमूमन पिछले पांच विधानसभा के चुनावों में संघर्ष वाम गठबंधन और कांग्रेस के बीच ही रहा था.
मगर इस बार वाम दलों के गठबंधन को एक नए राजनीतिक प्रतिद्वंदी यानी भारतीय जनता पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है. भाजपा ने बदलाव का नारा देते हुए इस बार विधानसभा के चुनावों में पूरी ताक़त झोंक दी है.
चुनाव के प्रचार के थमने से ठीक एक दिन पहले गुरूवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और दक्षिण त्रिपुरा में प्रधानमंत्री की दो रैलियाँ हुईं.
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 फ़रवरी को मतदान होना है.
मोदी पर भाजपा का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन रैलियों में उमड़ी भीड़ को देखकर भाजपा कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं. भाजपा ने किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर सामने पेश नहीं किया है.
उन्हें नरेंद्र मोदी या यूं कहें 'मोदी सरकार' पर ही भरोसा है. कई राज्यों से आये भाजपा के बड़े नेताओं ने प्रचार की कमान संभाल रखी है.
त्रिपुरा चुनाव: क्या भाजपा भेद पाएगी लेफ़्ट का किला?
मानिक सरकार पर दांव
वाम मोर्चे के नेताओं को अपने 25 साल के शासन और मुख्यमंत्री मानिक सरकार की छवि पर भरोसा है.
भारत के 'सबसे ग़रीब मुख्यमंत्री' के रूप में जो छवि मानिक सरकार की रही है उसके मुकाबले का कोई चेहरा किसी दल में नहीं है. यही कारण है कि भाजपा भी अपनी नैया पार लगाने के लिए 'मोदी सरकार' पर ही आश्रित है.
सादगी भरे जीवन के लिए जाने जाने वाले मानिक सरकार को भाजपा विकास और बेरोज़गारी के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही है. अपनी रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा की मौजूदा सरकार ने विकास को रोक रखा है.
नज़रिया: 'त्रिपुरा चुनाव में ये सीपीएम के लिए लॉटरी लगने जैसा है'
पीएम के विकास पर सवाल
मानिक सरकार की पार्टी के नेता अपनी रैलियों में नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दों को उछाल रहे हैं.
अगरतला के उशाबजार में देर शाम अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए मानिक सरकार ने भी 'मोदी सरकार' पर निशाना साधा.
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस विकास की बात प्रधानमंत्री अपने रैलियों में कह रहे हैं दरअसल वो 'सिर्फ पूंजीपतियों का विकास है'.
मानिक सरकार ने आरोप लगाया कि 'मोदी सरकार' ने सरकारी महकमों में रिक्त पड़े पदों को ही ख़त्म कर दिया है. लाखों बेरोजगार नौजवानों की फ़ौज तैयार हो रही है.
'बीजेपी आरएसएस की सम्पत्ति नहीं है दूरदर्शन'
'चलो दल बदलते हैं'
वहीं भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव वाम दलों पर हिंसक राजनीति करने का आरोप लगाते हैं. वो कहते हैं कि वाम दल त्रिपुरा में भी उसी तरह की हिंसक राजनीति कर रहे हैं जैसी वो केरल में कर रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर भी कई बार हमले हुए हैं. वो कहते हैं कि इसलिए इस बार उनकी पार्टी ने 'चोलो पालटाई' यानी आओ बदलते हैं का नारा दिया है.
भाजपा के नारे पर चुटकी लेते हुए मानिक सरकार ने एक रैली में कहा कि इस नारे का मतलब है कि 'चलो दल बदलते हैं'. उनका इशारा उन नेताओं पर था जो पहले कांग्रेस में थे और फिर तृणमूल कांग्रेस होते हुए भाजपा में शामिल हुए हैं और चुनाव लड़ रहे हैं.
(बीबीसी हिंदी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)