मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप के खिलाफ दूसरी बार नोटिस को वापस लिया
नई दिल्ली। केंद्र सरकार पर तमाम विपक्षी दल अडानी और अंबानी को मदद करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन इन सबके बीच अडानी की कंपनी को भेजे गए एक नोटिस को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है। राजस्व आसूचना निदेशालय के न्यायिक प्राधिकारी केवीएस सिंह ने अडानी ग्रुप को भेजे गए दूसरे नोटिस को रद्द कर दिया है। अडानी ग्रुप पर आरोप था कि उसने आयातित ऊर्जा उपकरण को 380 फीसदी महंगा दिखाया था।
अडानी की कंपनी पर आरोप था कि उनकी कंपनी ने महाराष्ट्र ईस्टर्न ग्रिड पॉवर ट्रांसमिशन लिमिटेड, इलेक्ट्रोजन इंफ्रा एफजेडई, यूएई और अहमदादाब की पीएमसी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड पर आयातित सामान की कीमत को 1493.4 करोड़ रुपए बढ़ाने का दबाव बनाया था। जिसके चलते अडानी की कंपनी को नोटिस भेजा गया था। लेकिन 18 अक्टूबर को केवीएस सिंह ने एक पत्र लिखकर कहा कि मैं एमईजीपीटीसीएल, पीएमसी, ईआईएफ और विनोद शांतिलाल अडानी के खिलाफ जांच को
बंद कर रहा हूं।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर में दावा किय गया है कि अडानी कंपनी के खिलाफ जांच को बंद कर दिया गया है, इससे पहले 22 अक्टूबर को न्यायिक प्राधिकरण ने डीआराई के जरिए अडानी कंपनी की दो फर्म को कारण बताओ नोटिस को रद्द किया था। उस नोटिस में भी आयातित सामान की कीमत को बढ़ाकर दिखाया गया था, इसे 3974 करोड़ रुपए बताया गया था। खबर के मुताबिक डीआरआई ने अडानी कंपनी पर आरोप लगाया था कि एमईजीपीटीसीएल ने पीएमसी प्रोजेक्ट के जरिए 1493.84 करोड़ रुपए हासिल किए थे। सामान चीन और दक्षिण कोरिया से आयात का गया था, लेकिन दस्तावेजों में इसे यूएई से मंगाया बताया गया।
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