अगले पांच साल में देश में होगा 23 अहम हाइवे प्रोजेक्ट्स का निर्माण कार्य पूरा, तय की गई समयसीमा
नई दिल्ली। देश में नए हाइवे और सड़क निर्माण की रफ्तार को तेज करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नया लक्ष्य निर्धारित किया है। एनएचएआई की ओर से देश में 23 नए हाइवे के निर्माण कार्य को पूरा करने की टाइमलाइन सेट की गई है, जिसमे कई एक्सप्रेसवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर शामिल हैं। इन सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन प्रोजेक्ट्स में चार प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई, अहमबादा-धोलेरा, अमृतसर-जामनगर काफी अहम हैं, जिन्हें मार्च 2023 तक ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 9 अन्य प्रोजेक्ट्स को मार्च 2014 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अलग-अलग प्रोजेक्ट की अलग-अलग टाइमलाइन
एनएचएआई की ओर से जो स्टेटस रिपोर्ट तैयार की गई है, उसके अनुसार 9 ग्रीनफील्ड हाईवे को मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इन सभी प्रोजेक्ट्स की कुल लंबाई की बात करें तो यह तकरीबन 7800 किलोमीटर है, जिसे तैयार करने में अगले पांच वर्षों में तकरीबन 3.3 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा। एक्सप्रेस वे का यह नेटवर्क पूरे देश में फैला होगा, जिसमे सूरत, सोलापुर, लखनऊ, वाइजैग, चेन्नई, बेंगलूरू, विजयवाड़ा, कोटा, रायपुर, खड़गपुर, सिलीगुड़ी शामिल हैं।
हाईवे को चौड़ा कर बनाया जाएगा एक्सप्रेसवे
एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो जिन प्रोजेक्ट्स को 2023-2024 तक पूरा करना है, उनके लिए निविदा अगले वर्ष निकाली जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार इतने बड़े पैमाने पर एक्सप्रेस वे तैयार करके पुरानी सड़कों को बेहतर रूप देने जा रही है, जिससे कि हाईवे की चौड़ाई को बढ़ाया जा सके और सफर में लगने वाले समय को कम किया जा सके। इन एक्सप्रेस वे के निर्माण से ट्रकों और मालवाहन गाड़ियों के जरिए सामान को को जल्द लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। मौजूदा समय में कार्गो वाहन देश में हर रोज तकरीबन 400 किलोमीटर का सफर तय करते हैं, जोकि वैश्विक स्टैंडर्ड की तुलना में तकरीबन 50 फीसदी कम है। लिहाजा सरकार के इस लक्ष्य से सामान को लोगों तक पहुंचाने में समय कम लगेगा और सामान की कीमतें भी बेहतर होंगी।
अलग से बनेगा बोर्ड
इन तमाम प्रोजेक्ट्स के लिए पैसों की कमी ना हो इसके लिए एनएचएआई एक खास स्पेशल पर्पज वेहिकल्स तैयार करेगी ताकि इन प्रोजेक्ट्स की फंडिंग की जा सके। एसपीवी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए स्थापित की जाएगी, जिसमे एनचएएआई के बोर्ड में नीति आयोग, वित्त और हाईवे मंत्रालय के सदस्य शामिल होंगे। एनएचएआई ने पहले ही इस एसपीवी की स्थापन कर ली है।
टोल से वसूला जाएगा खर्च
देशभर में तैयार होने वाले इन प्रोजेक्ट्स में खर्च हुए पैसों को टोल टैक्स के जरिए लोगों से वसूला जाएगा। टोल कलेकशन के लिए टोल प्लाजा की बोली लगाई जाएगी, जिसके तहत बोली जीतने वाली प्राइवेट कंपनी को 15-20 वर्षों के लिए टोल वसूलने का अधिकार दिया जाएगा। इस मॉडल को टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर के नाम से जाना जाएगा। एनएचएआई के चेयरमैन एसएस संधू का कहना है कि अगर यह मॉडल सफल होता है तो हम इसे अन्य बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स में भी लागू करेंगे। चूंकि एसपीवी पूरी तरह से एनएचएआई द्वारा अधिकृत कंपनी होगी, लिहाजा इसके जरिए बैंकों से सस्ती दर पर लोन हासिल किया जा सकता है। बैंक को लोन वापसी की गारंटी होगी, लिहाजा लोन मिलने में भी कोई खास दिक्कत नहीं होगी।