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किसानों को शांत करने के लिए मोदी सरकार का फैसला, पंजाब-हरियाणा में MSP पर तुरंत शुरू होगी धान की खरीद

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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने हाल ही में संसद के मानसून सत्र में कृषि से संबंधित तीन बिल पेश किए और उसे पास भी करवाया दिया। इसके बाद से किसानों को डर था कि अब सरकार एमएसपी बंद कर देगी, जिसके बाद प्राइवेट फर्म उन्हें लूट लेंगे। इस वजह से हफ्तेभर से उनका प्रदर्शन जारी था। इन प्रदर्शनों को देखते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लिया। जिसके तहत पंजाब और हरियाणा में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) पर धान की खरीद तत्‍काल शुरू करने की घोषणा की गई है। उम्मीद है सरकार के इस फैसले के बाद किसानों का गुस्सा काफी हद तक शांत हो जाएगा।

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केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के मुताबिक आमतौर पर धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू की जाती है, लेकिन हरियाणा और पंजाब की मंडियों में आवक को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से शुरू किया जा रहा है। आज यानी 26 सितंबर से पंजाब-हरियाणा के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की फसल बेच सकते हैं। मंत्रालय के मुताबिक उनके इस फैसले से किसानों को MSP पर धान बेचने के लिए और ज्यादा वक्त मिलेगा। साथ ही इस संबंध ने FCI समेत अन्य खरीद एजेंसियों का प्रक्रिया सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

कितना मिलेगा MSP?
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बताया कि उनकी ओर से चालू खरीफ सीजन में पंजाब से 113 लाख टन और हरियाणा से 44 लाख टन धान की खरीद का टारगेट रखा गया है। वहीं पूरे देश की बात करें तो कुल 495.37 लाख टन धान की खरीद इस साल की जाएगी। साथ ही सरकार ने कॉमन वैरायटी धान के लिए 1868 रुपये प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान के लिए 1888 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है।

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किसानों को किस बात का डर?
संसद के दोनों सदनों से पारित हुए कृषि विधेयकों के विरोध में किसान संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि इन बिलों से किसानों को लाभ होगा। इससे साथ किसानों की आय बढ़ेगी और बाजार उनके उत्पादों के लिए खुलेगा। तो वहीं किसान संगठनों का कहना है कि इन विधेयकों से कृषि क्षेत्र कार्पोरेट के हाथों में चला जाएगा। सरकार के आज के फैसले पर भी विपक्षी दल भी हमलावर हैं। उनका कहना है कि देशभर में किसानों के प्रदर्शन को कमजोर करने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है।

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English summary
modi government said MSP procurement of kharif paddy begins immediately in Punjab and Haryana
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