#TrudeauInIndia: कनैडियन पीएम की फीकी मेहमाननवाजी की ये हैं असली वजहें!
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रड्यू को भारत में मिले फीके वेलकम की चर्चा हर तरफ हो रही है। हर कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से दिए गए हग और मेहमानों के आने से पहले होने वाले ट्वीट के नदारद होने से हैरान है।
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नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रड्यू को भारत में मिले फीके वेलकम की चर्चा हर तरफ हो रही है। हर कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से दिए गए हग और मेहमानों के आने से पहले होने वाले ट्वीट के नदारद होने से हैरान है। क्या वाकई पीएम मोदी ने पीएम ट्रड्यू को नजरअंदाज किया, अगर सरकार की मानें तो ऐसा नहीं है। ट्रड्यू के स्वागत में भी सरकार की ओर से हर प्रोटोकॉल को फॉलो किया गया है और इसके साथ ही सरकार ने हर तरह की आंशकाओं को सिरे से खारिज कर दिया। कनाडा की मीडिया इस बात से काफी दुखी है कि उनके पीएम जो एक हफ्ते के लिए भारत आए हैं उनके साथ पीएम मोदी ने इतनी बेरुखी दिखाई है।
सभी प्रोटोकॉल को किया गया फॉलो
कनैडियन पीएम ट्रड्यू को रिसीव करने के लिए पीएम मोदी एयरपोर्ट नहीं गए। इससे पहले जितने भी नेता भारत आए पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। चाहे इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू हों या फिर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना, पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर ही अपने समकक्षों का इंतजार किया। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। सरकार का कहना है कि ट्रड्यू का सही तरीके से डिप्लोमैटिक वेलकम हुआ है। कनाडा में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि सिख चरमपंथ को बढ़ावा देने की वजह से भारत में पीएम ट्रड्यू को सही तरह से स्वागत नहीं किया है।
पहले घूमेंगे फिर पीएम मोदी से मिलेंगे
भारत सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो उन्हें कनैडियन पीएम के शेड्यूल पर काफी हैरानी है। सूत्रों के मुताबिक कनाडा ने ट्रड्यू के दिल्ली में आधिकारिक शेड्यूल को उनके दौरे के आखिरी में रखा। जबकि इस तरह के दौरों में सबसे पहले द्विपक्षीय वार्ता को तरजीह दी जाती है। लेकिन कनैडियन पीएम ने खास बातों के लिए दौरे का आखिरी पड़ाव चुना और यह बिल्कुल असाधारण सी बात है। ट्रड्यू और पीएम मोदी की मुलाकात शुक्रवार को होगी और उसके अगले दिन ट्रड्यू कनाडा वापस लौट जाएंगे। कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रह चुके विष्णु प्रकाश भी इस बात पर हैरान हैं। उनका कहना है कि कनाडा उच्चायोग का यह फैसला कि ट्रड्यू दिल्ली में वार्ता से पहले चार शहरों का दौरा करेंगे और फिर शुक्रवार को पीएम मोदी से वार्ता करेंगे, बिल्कुल समझ से परे है। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय की सलाह के बाद भी ऐसा करना काफी हैरान करने वाला है।
हर दौरे की अलग अहमियत
कनाडा की मीडिया में हो रही आलोचना पर एक भारतीय अधिकारी का कहना है कि हर दौरे की अलग अहमियत होती है। भारत सरकार के सूत्रों की ओर से कहा गया है कि गुजरात में जब पीएम ट्रड्यू पहुंचे तो वहां पर कोई खास काम नहीं था और इसलिए पीएम मोदी की मौजूदगी भी ज्यादा जरूरी नहीं थी। वहीं कनाडा की मीडिया ने जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ पीएम मोदी के सितंबर पिछले वर्ष अहमदाबाद जाने का जिक्र किया है। सरकारी सूत्रों की मानें तो आबे के उस दौरे की अहमियत काफी ज्यादा थी और आबे के अहमदाबाद दौरे पर ही भारत की पहली बुलेट ट्र्रेन की नींव रखी जानी थी।
कोई प्रोटोकॉल नहीं तोड़ा गया
जब कभी भी कोई राष्ट्राध्यक्ष भारत के दौरे पर आता है तो विदेश मंत्रालय की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन होता है। लेकिन इस बार जब कनाडा के पीएम भारत आए तो इस तरह की कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं हुई थी। ट्रड्यू को एयरपोर्ट पर कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वेलकम किया। कनाडा की मीडिया में इस बात को जोर-शोर से उठाया गया है। विदेश मंत्रालय में प्रोटोकॉल चीफ रह चुके पिनाक रंजन चौधरी की ओर से इस पर कहा गया है कि अगर प्रोटोकॉल नियमों की बात करें तो पीएम का एयरपोर्ट पर मेहमानों का रिसीव करने जाना जरूरी नहीं है। कुछ खास मौकों पर प्रोटोकॉल तोड़ा भी गया है।