गिरिराज सिंह बोले- 1947 से पहले वाले हालात पैदा करना चाहता है विपक्ष
नई दिल्ली- मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और एनआरसी के विरोध के लिए विपक्ष पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विपक्ष वही हालात पैदा कर रहा है, जैसे 1947 में बंटवारे से पहले पैदा कर दिया गया था। यही नहीं उन्होंने मेरठ के एसपी के 'पाकिस्तान चले जाओ' बयान का न सिर्फ समर्थन किया है, बल्कि कहा है कि एसपी को तो और ज्यादा कार्रवाई करनी चाहिए थी। यही नहीं उन्होंने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर देश के मुसलमानों को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वही संविधान पर खतरा पैदा कर रहे हैं।
बंटवारे से पहले वाले हालात पैदा कर रहा है विपक्ष-गिरिराज
बिहार के बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय पशुपालन,डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने एनपीआर-एनआरसी पर विवाद खड़ा करने के लिए विपक्ष पर जमकर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि, "विपक्ष, जिनमें राहुल गांधी भी शामिल हैं और टुकड़े-टुकड़े गैंग 1947 से पहले वाले ही हालात पैदा करना चाहते हैं। अब वे एनपीआर और एनआरसी को लेकर हंगामा कर रहे हैं। विपक्ष देश के माहौल को बिगाड़ना चाहता है। वह देश को बांटना चाहते हैं, जो देश के लोग कभी नहीं होने देंगे।" गिरिराज सिंह ने एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर भी सीधा निशाना लगाते हुए उनपर आरोप लगाया है कि वे मुसलमानों को भड़का रहे हैं। गिरिराज ने कहा है "अगर भारत के संविधान पर कोई सबसे ज्यादा खतरा पैदा कर रहा है तो वे असदुद्दीन ओवैसी हैं। वह मुसलमानों को भड़का रहे हैं।"
'पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों को माला-फूल दिया जाए?'
यूपी में कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले आरोपियों से 'पाकिस्तान चले जाओ' कहने वाले एसपी का भी उन्होंने खुलकर समर्थन किया है। एक इंटरव्यू में गिरिराज ने कहा है कि "मैं तो एसपी को धन्यवाद देता हूं। एसपी ने वही काम किया जो एक पुलिस को करनी चाहिए। एसपी ने वही काम किया जो एक राष्ट्रभक्त सेवारत व्यक्ति को करना चाहिए। एसपी ने जो किया वह पाकिस्तान के मंसूबे पर पानी फेरा...गजवा-ए-हिंद क्या है? भारत में रहकर के भारत को गाली देगा और पाकिस्तान जिंदाबाद कहेगा! उसको भारत में रहने का अधिकार है? खाएगा भारत में और गाएगा पाकिस्तान का? एसपी को तो और कार्रवाई करनी चाहिए। जो लोग एसपी के खिलाफ बोल रहे हैं, मेरा उनसे विनम्र निवेदन है कि या तो पूरी घटना को देखें और नहीं तो देश के लोग भी आपसे प्रश्न करेंगे। क्या पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वाले लोगों को माला-फूल दिया जाए?"
सरकार के खिलाफ हो रहे हैं प्रदर्शन
दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से देश में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा। बाद में इस विरोध प्रदर्शन में एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन भी शामिल हो गए। इन आंदोलनों के दौरान देश में कई हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं, सरकारी और निजी संपत्तियां तबाह की गई हैं। इसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी हुई है। हालांकि, अब विरोध शांतिपूर्ण हो चुका है। विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि एनपीआर के जरिए असल में मोदी सरकार नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स का ही काम करना चाहती है। जबकि, सरकार की ओर से साफ किया जा चुका है की एनआरसी पर अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है और न ही इसका एनपीआर से कोई लेना-देना है। लेकिन, विपक्ष शांत होने के लिए तैयार नहीं है और सरकार भी विपक्ष के दबाव में झुकने के लिए राजी नहीं है।
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